नई दिल्ली: सोलह साल की लड़की से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले आसाराम के खिलाफ बलात्कार का यह कोई एकमात्र मामला नहीं है. दो महिलाओं ने भी आसाराम और उसके बेटे पर इस तरह के आरोप लगा रखे हैं और वे न्याय का इंतजार कर रही हैं. ये दोनों महिला बहनें हैं और उनका मामला गांधीनगर की एक अदालत में लंबित है. सूरत की रहने वाली इन बहनों ने आरोप लगाया था कि आसाराम और उसके बेटे नारायण साई ने उन्हें बंधक बनाकर रखा और रेप किया.


आसाराम की पत्नी और बेटी पर भी पीड़िता ने लगाया है आरोप


जोधपुर बलात्कार मामले में आसाराम को जहां सितंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया था, वहीं उसके बेटे नारायण साई को सूरत निवासी बहनों की शिकायत पर दिसंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया था. बड़ी बहन ने जहां यह आरोप लगाया था कि आसाराम ने गुजरात के मोटेरा आश्रम में उसके साथ 1997 से 2006 तक बार-बार रेप किया, वहीं छोटी बहन ने आरोप लगाया था कि साई ने सूरत स्थित एक आश्रम में 2002 से 2005 तक उसका यौन शोषण किया. इनमें से एक बहन ने यह भी आरोप लगाया था कि आसाराम की पत्नी और बेटी भी महिलाओं के यौन शोषण में इन दोनों लोगों की मदद किया करती थीं.


राज्य पुलिस ने 2014 में दायर अपने चार्जशीट में आसाराम के अलावा आरोपियों में उसकी पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती, और चार महिला अनुयायियों-ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा का नाम भी लिया था.


सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने के शुरू में आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी और मामले में सबूत दर्ज करने का काम पूरा करने में देरी को लेकर गुजरात पुलिस की खिंचाई की थी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया को पांच हफ्ते के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था.


जबीन कब्जा करने के आरोपों में मुकदमें का सामना कर रहा है आसाराम


कोर्ट ने पुलिस से मुकदमे की स्थिति के बारे में पूछते हुए कहा था, ‘‘महीनों तक ऐसा नहीं चल सकता है.’’ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि पीड़िताओं का बयान दर्ज कर लिया गया है. आसाराम के खिलाफ सिर्फ बलात्कार के मामले ही नहीं हैं, बल्कि वह मध्य प्रदेश में 700 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पर कब्जा करने के आरोपों में भी मुकदमे का सामना कर रहा है. मामला मध्यप्रदेश के रतलाम में 200 एकड़ जमीन से संबंधित है.