जोधपुर: जोधपुर की एक विशेष अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ 2012 के रेप के एक मामले में अंतिम दलीलें पूरी होने के बाद आज फैसला 25 अप्रैल के लिए सुरक्षित रख लिया. पीड़िता के वकील पीसी सोलंकी ने कहा कि न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने पांच महीने तक अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनी. अंतिम दलीलें आज पूरी हो गई. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने 25 अप्रैल के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.


एक किशोरी ने आसाराम पर जोधपुर के पास के मनई गांव स्थित अपने आश्रम में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. लड़की उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली है. किशोरी एक छात्रा थी जो कि आश्रम में रह रही थी.


वकील ने कहा कि आसाराम 31 अगस्त 2013 से पोक्सो कानून की संबंधित धाराओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून के तहत जेल में है. वकील ने कहा कि दोषी ठहराये जाने पर आसाराम को अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है. वह गुजरात में भी रेप के एक मामले का सामना कर रहा है.