Gujarat Asaram Rape Case: गुजरात सरकार आसाराम से जुड़े 2013 के रेप केस में निचली अदालत की ओर से छह आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट (High Court) में अपील करेगी. राज्य सरकार के कानून विभाग ने ये निर्णय लिया है. सरकार आसाराम की पत्नी, उसकी बेटी और उसके चार शिष्यों को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देगी. इस केस में आसाराम (Asaram) को आजीवन कारावास की सजा दी गई है.
अभियोजन पक्ष ने गांधीनगर कोर्ट के 31 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देने के लिए भी सरकार की सहमति मांगी है, जिसमें उसने सुझाव दिया था कि जोधपुर और अहमदाबाद मामलों में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा साथ-साथ चलनी चाहिए. एक कानूनी राय दी गई थी कि ट्रायल कोर्ट के पास समवर्ती सजा पर फैसला करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था क्योंकि राजस्थान और गुजरात के मामले अलग-अलग थे.
गांधीनगर कोर्ट ने सुनाई थी सजा
गौरतलब है कि गांधीनगर की एक कोर्ट ने 31 जनवरी को आसाराम को उसकी पूर्व महिला शिष्या की ओर से 2013 में दर्ज कराए गए रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, बेटी भारती और उसके चार शिष्यों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, जिन पर अपराध को अंजाम देने में मदद का आरोप लगाया गया था.
जोधपुर जेल में काट रहा आजीवन कारावास की सजा
आसाराम 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से रेप करने के अन्य मामले में वर्तमान में राजस्थान की जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. अहमदाबाद के पास मोटेरा स्थित अपने आश्रम में 2001 से 2007 तक सूरत की रहने वाली एक शिष्या से कई बार बलात्कार करने के मामले में गांधीनगर की कोर्ट ने आसाराम को सजा सुनाई थी.
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