नई दिल्ली: लाखों अनुयायियों के लिए भगवान माने जाने वाले आसाराम के खिलाफ दर्ज रेप के मामले में आज जोधपुर की अदालत फैसला सुनाएगी. इसके लिए आज जेल में ही कोर्ट बनाए गए हैं. जोधपुर और उसके आसपास के इलाके को किले में तब्दील कर दिया गया है. दरअसल, प्रशासन को डर है कि कहीं अंधे हो चुके आसाराम के अनुयायी 2013 को न दोहराएं


77 वर्षीय आसाराम पर 2013 में नाबालिग से रेप के आरोप लगे थे और उनकी गिरफ्तारी हुई थी तो उनके अनुयायी रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने के बजाय आसाराम के पक्ष में सड़क पर उतर आये थे. जोधपुर के अलावा कई इलाकों में तोड़फोड़ की थी. अब आसाराम पर लगे रेप के मामले में फैसले की बारी है और अगर वह दोषी ठहराए जाते हैं तो उन्हें कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है. ऐसे आसाराम के अनुयायी भी जोधपुर पहुंचने की जुगत में हैं और राम रहीम पार्ट-2 की साजिश कर रहे हैं. हालांकि चप्पे-चप्पे पर प्रशासन की नजर बनी हुई है.


आसाराम पर क्या हैं आरोप
चार साल से जेल में बंद आसाराम पर उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर की रहने वाली एक नाबालिग ने रेप का आरोप लगाया है. नाबालिग की शिकायत के मुताबिक, वह आसाराम के छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) स्थित आश्रम में पढ़ती थी. जहां से आसाराम ने उन्हें जोधपुर के नजदीक मनानी बुलाया और उनके साथ 15 अगस्त 2013 को रेप किया. हालांकि आसाराम ने सभी आरोपों से इनकार किया है.


आसाराम को 1 सितंबर 2013 को इंदौर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जोधपुर लाया गया था. उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में हैं. 6 नवंबर 2013 को पुलिस ने आसाराम और उनके चार सहयोगियों शिवा, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट (आरोपपत्र) दाखिल किया था. आसाराम के खिलाफ पॉस्को एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और आईपीसी की कई अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं.


अगर असल मामले में दोषी ठहराए जाने पर कम से कम 10 साल जेल या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी.


पीड़िता के पिता ने कहा, ''मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मुझे उम्मीद है कि आसाराम को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी.'' पीड़िता के परिवार वालों को आसाराम के अनुयायी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचायं इसके लिए शाहजहांपुर स्थित उनके घर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. घर के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं. आसाराम पर गवाहों को धमकाने, जान से मारने तक के भी आरोप हैं.



आसाराम ने चार साल के दौरान 12 बार जमानत याचिका दाखिल की लेकिन वह हर बार विफल रहे. 6 बार ट्रायल कोर्ट, तीन बार राजस्थान हाईकोर्ट और तीन बार सुप्रीम कोर्ट से आसाराम को झटका मिला और जमानत नहीं मिली.


एक अन्य मामला
आसाराम पर एक और महिला ने आरोप लगाया है कि 2001 से 2006 के बीच उसका यौन उत्पीड़न किया गया. इस दौरान वह गुजरात के सूरत स्थित उनके आश्रम में रह रही थी. पीड़िता की छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साई के खिलाफ भी इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई था.


आसाराम का इनकार
स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम रेप और गवाहों को धमकाने के आरोपों से इनकार करता रहा है. कोर्ट में पेशी के दौरान कई बार उसने दावा किया कि सभी आरोप झूठे हैं और एक साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया. मीडिया ट्रायल किया गया.



चार साल पर गिरफ्तारी से पहले आसाराम ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए एक-एक सवाल के जवाब दिये थे. उन्होंने कहा था, ''इससे भी बड़े-बड़े आरोप लगे और मैं मुक्त हुआ. लेकिन ये गंदा आरोप है और बेबुनियाद भी है. लड़की मां-बाप के साथ आयी थी. लड़की जहां रहती थी और मेरे कुटिया के बीच का फासला बहुत कम था. और मैं जब बाहर निकलता था तो लोग कुटिया को देखते थे. उसके बाद कहानी रची गई. और साजिश रची. उसका भाई भी रहता था तो वह आश्रम से जाते वक्त कहा था कि आश्रम में सबकुछ अच्छा रहा. लेकिन जब वह बाहर गया तो उसने भी आरोप लगाए.''


आसाराम ने कहा, ''लड़की ने शिकायत में कहा है कि आसाराम ने डेढ़ घंटे तक मुहं दबोचने की कोशिश की. उनके पिता और मां पास के ही कमरे में थे. तो अगर लड़की से मारपीट की गई और वह चिल्लाई तो क्या वहां आवाज नहीं पहुंचती? सारे आरोप झूठे हैं.''