जोधपुर: नाबालिग से रेप के मामले में जोधपुर की अदालत ने धर्मगुरु आसाराम को दोषी करार दिया है. आसाराम के साथ दो अन्य शिल्पा और शरद को भी दोषी ठहराया गया है. वहीं दो अन्य शिवा और प्रकाश को कोर्ट ने बरी कर दिया. दोषी करार दिए जाने के बाद अब जेल में लगी कोर्ट में ही आसाराम की सजा पर बहस होगी. यहां आपको बताते हैं कि आसाराम को कितनी सजा सुनाई जा सकती है.
- आसाराम और इस केस के आरोपियों पर 1200 पन्नों की चार्जशीट में 14 धाराएं लगाई गई हैं.
- इस केस में आसाराम को 10 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है
- आसाराम 2013 से ही जोधपुर जेल में बंद है और अब तक चार साल आठ महीने जेल में रह चुका है.
- 10 साल सजा हई तो पांच साल चार महीने और जेल में रहना होगा
- अधिकतम सजा उम्रकैद हो सकती है
- 376 (2) F में कम से कम दस साल की सजा और उम्रकैद की सजा का प्रावधान है.
- 370 (4) में सात साल तक की सजा का प्रावधान है.
- आसाराम की उम्र 74 साल हैं. इस समय उनकी उम्र 78 के ऊपर हैं. उनके वकील मांग कर सकते हैं कि उनकी उम्र को देखते हुए सजा कम हो.
- तीन अलग-अलग कानूनों के तहत इस मामले के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. इंडियन पैनल कोड, जुवेनाइल एक्ट और पॉक्सो एक्ट. इन पर 14 धाराएं लगाई गई थीं. अभी ये जानकारी नहीं है कि इन पर किन-किन धाराओँ के तहत इन्हें दोषी करार दिया गया है और किसके तहत बरी किया गया है.
कोर्ट के फैसले के बाद आसारम के वकील विकास पाहवा ने कहा, ''हमने अभी फैसले की कॉपी नहीं देखी है, क़ॉपी देखने के बाद ही कोई कमेंट करेंगे. अभी इसमें सभी मामलों को जज ने कैसे डील किया है हमें ये देखना होगा.''
वहीं इस फैसले से पीड़िता के पिता खुश हैं. उन्होंने कहा, ''आसाराम दोषी करार दिया गया है, हमें न्याय मिला है. जिन्होंने हमारा साथ दिया उनका धन्यवाद. अब उम्मीद है उसे कड़ी सजा मिलेगी. मुझे उम्मीद है कि जिन गवाहों को अलवा करके मार दिया गया उन्हें भी न्याय मिलेगा.''
किस मामले में दोषी ठहराये गये आसाराम
चार साल से जेल में बंद आसाराम पर उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर की रहने वाली एक नाबालिग ने रेप का आरोप लगाया था. नाबालिग की शिकायत के मुताबिक, वह आसाराम के छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) स्थित आश्रम में पढ़ती थी. जहां से आसाराम ने उन्हें जोधपुर के नजदीक मनानी बुलाया और उनके साथ 15 अगस्त 2013 को रेप किया.
6 नवंबर 2013 को पुलिस ने आसाराम और उनके चार सहयोगियों शिवा, शिल्पा, शरद और प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट (आरोपपत्र) दाखिल किया था. आसाराम के खिलाफ पॉस्को एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और आईपीसी की कई अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गये थे.
आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी मामलों की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था. आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है.
आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान हाईकोर्ट और तीन बार सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया.