नई दिल्ली: हिंद महासागर और प्रशांत क्षेत्र में चीनी ड्रैगन के बढ़ते दबदबे के बीच आसियान मुल्कों का कुनबा भारत के साथ अपनी समुद्री साझेदारी और संपर्क अधिक मतबूत बनाएगा. नई दिल्ली में भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रीय संगठन आसियान के रिश्तों की 15वीं सालगिरह पर आयोजित शिखर बैठक में एक सुर में दोनों पक्षों के बीच बेहतर तालमेल और रणनीतिक सहयोग की जरूरत जताई गई. भारत ने भी आसियान के साथ अपनी दारी को संस्कृति संबंधों से लेकर सैन्य सहयोग तक मजबूत करने का फैसला किया.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यौते पर दिल्ली में जुटे 10 आसियान मुल्कों के मुखियाओं ने भारत के साथ अपनी साझेदारी मजबूत करने पर जोर दिया. शिखर सम्मेलन के बाद जारी साझा बयान में दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय मानकों और कानूनों के अनुरूप समंदर में परिवहन की स्वतंत्रता, अबाध हवाई यातायात, वैध कारोबार के अधिकारों को बनाई रखने पर जोर दिया.


इसे दिल्ली घोषणा-पत्र में 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्रीय परिवहन कानून, अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन और अंतरराष्ट्रीय समुद्रिक संगठन की वरीयता पर भी जोर दिया गया जिसका दक्षिण चीन सागर मामले को लेकर चीन विरोध करता रहा है. भारत और आसियान ने सभी मसलों के शांतिपूर्ण हल की भी हिमायत की.


आतंकवाद के खिलाफ मजबूत होगी साझेदारी


भारत और आसियान समूह ने आतंकवाद, चरमपंथ, कट्टरपंथ से निपटने के लिए सूचना सहयोग, कानूनी कार्रवाई और क्षमता विस्तार में एक-दूसरे की मदद का संकल्प जताया है. इसके लिए दोनों पक्ष मौजूदा तंत्र का इस्तेमाल करेंगे साथ ही नई क्षमताओं को भी विस्तार देंगे. आसियान के साथ आतंक के खिलाफ सहयोग भारत के भगोड़े आतंकावादियों के लिए पनाह और मदद के ठिकाने बंद कर सकता है. साथ ही पूर्वोत्तर भारत में आतंकी कारनामों को अंजाम दे रहे संगठनों की भी कमर तोड़ सकता है.


भारत और आसियान के बीच बेहतर तालमेल का ही असर है कि म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों में ट्रेनिंग कैंप चला रहे आतंकी गुटों पर भारतीय सैनिकों ने 2015 में सैन्य कार्रवाई की थी. महत्वपूर्ण है कि दो साल पहले थाइलैंड में छुपे खालिस्तानी आतंकी तारा सिंह को गिरफ्तार किया गया था, वहीं छोटा राजन को भी इंडोनेशिया के डिपोर्ट कराया गया था. हालांकि मौजूदा कमजोरियों का लाभ उठाकर जाकिर नायक जैसे लोग आज भी मलेशिया में पनाह लिए बैठे हैं.


इसके अलावा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई आज भी भारत विरोधी तत्वों से संपर्क बढ़ाने के लिए सदस्य देशों को आसान मुकाम के तौर पर इस्तेमाल करती है. भारत-आसियान दिल्ली घोषणापत्र के मुताबिक दोनों पक्ष तंकवादियों, आतंकी गुटों, विदेशी आतंकियों की एक मुल्क से दूसरे मुल्क आवाजाही की रोकथाम करेंगे. इसके अलावा आतंकवाद के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमालऔर आतंकवाद की आर्थिक रसद भी मिलकर रोकेंगे.


गणतंत्र दिवस पर होंगे खास मेहमान


भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आमंत्रण पर सभी दस नेताओं की आमद का खास एहतराम किया. पीएम मोदी ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर हमारे आसियान मुल्कों के भाइयों और बहनों की मौजूदगी इस संयुक्त उत्सव में अभूतपूर्व है. आपकी उपस्थिति हमारी रणनीतिक साझेदारी को उभारती है जो भारत की एक्ट ईस्ट नीति की धुरी है. हमारी दोस्ती साझा सांस्कृतिक और सभ्यता की कड़ियों से मजबूत होती है.


पीएम मोदी ने समुद्री परिवहन की स्वतंत्रता पर आसियान के नजरिए का मुखर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि भारत आसियान के उस विजन का हिमायती है जो इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए समंदर में एक न्याय आधारित व्यवस्था की बात करता है. समुद्री परिवहन के लिए संयुक्त राष्ट्र संधि जैसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान इसके लिए बहुत जरूरी है. हम अपने साझा समुद्री क्षेत्र में आसियान के साथ व्यावहारिक सहयोग बनाए रखने को लेकर संकल्पित हैं.


भारत और आसियान के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने को लेकर ही प्रधानमंत्री मोदी ने मेहमान नेताओं के साथ अनौपचारिक रिट्रीट सत्र की भी मेजबानी की. पीएम मोदी के मुताबिक इस दौरान उन्हें समुद्री सहयोग पर बात करने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि भारत-आसियान रिश्तों की इस 15वीं सालगिरह के कार्यक्रमों में समुद्री सहयोग हमारे बातचीत का एक अहम पहलू रहा है. आपदा राहत, सुरक्षा सहयोग और नौ-परिवहन की स्वतंत्रता हमारे समुद्री सहयोग का महत्वपूर्ण आधार है.


अंतरिक्ष में भारत-आसियान साझेदारी


भारत और आसियान मुल्कों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है. इस कड़ी में इंडोनेशिया के बाद वियतनाम ने भारत की मदद से रिमोट सेंसिंग ट्रैकिंग और डेटा प्रोसेसिंग सेंटर खोलने का फैसला किया है. इसके जरिए भारत आसियान क्षेत्र में अपने सैटेलाइट मॉनीटरिंग के आंकडे इन मुल्कों के साथ साझा कर सकेगा.


भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो इस काम में वियतनाम रिमोट सेंसिग अथॉरिटी की मदद करेगा. सेटेलाइट लांचिंग और ट्रैकिंग समेत अन्य क्षेत्रों में भी भारत आसियान देशों को सहयोग देगा. अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत और आसियान के बीच बढ़ता सहयोग चीन की चिंता बढ़ा सकता है.


आसियान के साथ बढ़ेगा संपर्कों का ताना-बाना


भारत और आसियान ने संपर्क के सभी आयामों को विस्तान देने का ऐलान किया. इस कड़ी में भारत-म्यांमार और थायलैंड के बीच बन रहे त्रि-पक्षीय हाईवे को कंबोडिया और लाओ पीडीआर तक बढ़ाने का फैसला किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान के साथ डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत ग्रामीण कनेक्टिविटी पर एक पायलट परियोजना का प्रस्ताव करता है.


इसके तहत कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम में ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड कनेक्टिविटी से जोड़ेगा. इस परियोजना की सफलता को अन्य आसियान मुल्कों में भी लागू किया जा सकेगा. भारत ने आसियान के साथ डिजिटल वित्तीय समावेषी व्यस्था और निवेश बढ़ाने पर नई संवाद प्रक्रिया शुरु करने का भी सुझाव रखा है.