(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ASEAN-India Summit: पीएम मोदी आज आसियान-भारत सम्मेलन में करेंगे शिरकत, कोरोना-कारोबार समेत इन मुद्दों पर होगी बात
ASEAN-India Summit: यह सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है जो आसियान और भारत को शीर्ष स्तर पर संवाद का मौका प्रदान करता है. पीएम मोदी ने पिछले साल नवंबर में 17वें आसियान सम्मेलन में हिस्सा लिया था.
ASEAN-India Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकिया के आमंत्रण पर 18वें दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन, आसियान-भारत सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी, कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी, स्वास्थ्य, व्यापार, शिक्षा और संपर्क सहित अन्य प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई थी.
सम्मेलन में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं- पीएम मोदी
पीएमओ ने कहा कि डिजिटल माध्यम से होने वाले इस सम्मेलन में आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकारों के मुखिया भाग लेंगे. वहीं, कल पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ''भारत बहुपक्षवाद, नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय कानून और सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साझा मूल्यों के प्रति सम्मान को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. मैं कल 18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं.''
India remains committed to strengthening respect for shared values of multilateralism, rules-based international order, international law and sovereignty and territorial integrity of all nations.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 27, 2021
I look forward to participating in the 18th ASEAN-India Summit tomorrow.
आसियान और भारत को शीर्ष स्तर पर संवाद का मौका प्रदान करता है सम्मेलन
यह सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है जो आसियान और भारत को शीर्ष स्तर पर संवाद का मौका प्रदान करता है. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल नवंबर में 17वें आसियान सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इस बार वह 9वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
पीएमओ ने कहा कि आसियान-भारत साझेदारी साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यता के मजबूत आधारों पर आधारित है. आसियान समूह शुरू से भारत की ‘एक्ट इस्ट नीति' और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर व्यापक दृष्टिकोण का मूल केंद्र रहा है. साल 2022 आसियान-भारत संबंधों के 30 सालों का गवाह बनेगा.