नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी में पहले आशुतोष और फिर आशीष खेतान के इस्तीफे के बाद लग रहा है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है. आशुतोष और आशीष खेतान ने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है लेकिन इशारों इशारों में पार्टी पर सवाल भी उठाए हैं. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए आशीष खेतान ने कहा अरविंद केजरीवाल का नाम लिया बिना निशाना साधा. खेतान ने कहा कि नेतृत्व की कुर्सी पर बैठे लोगों को उदार मन दिखाना चाहिए.
आशीष खेतान ने कहा है, ''मैं राजनीति में नहीं रहना चाहता हूं अब मैं और चुनाव नहीं लड़ना चाहता. मैं अब वकालत करूंगा. मैं वकालत की पढ़ाई कर चुका हूं, मेरा पैशन रहा. ये मोहभंग नहीं है. पार्टी में मेरा सबसे बहुत स्नेह है. मुझे कोई और राजनीतिक दल नहीं जॉइन करना और ना ही कोई पद नहीं चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि नेतृत्व की कुर्सी पर बैठे लोगों को उदार मन दिखाना चाहिए. बड़े मन से ही बदलाव आ सकता है.''
पार्टी को लेकर पूछे गए सवाल पर पर खेतान ने कहा, ''किसी भी पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा हो यह तो संभव नहीं है. हर पार्टी में आत्मचिंतन की जरूरत हमेशा होती है. मेरे इस्तीफे को किसी कड़ी में नहीं देखा जाना चाहिए. मुझे एक साल से लग रहा था कि अब मैं राजनीतिक यात्रा, पार्टी पॉलिटिक्स नहीं करना चाहता. पार्टी को और उसे चलाने वालों को आत्मचिंतन करना चाहिए.''
खेतान ने कहा, ''पार्टी के बारे में अभी कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि अभी पार्टी छोड़ी है. मेरा कुछ भी कहना ऑब्जेक्टिव नहीं है. मैंने पार्टी और राजनीति दोनों ही छोड़ दी है. मैंने सबसे बात कर, संवाद कर पार्टी छोड़ी. इसलिए मेरे बारे में सबको पता है. एक दोस्त और पुराने साथी के तौर पर मैं सबसे सम्पर्क रखना चाहूंगा. सलाह मशविरा जो भी देना होगा वो बंद कमरे में दूंगा.''
पत्रकार से राजनेता बने आशुतोष ने 15 अगस्त के दिन आम आदमी पार्टी की घोषणा ट्विटर पर की थी. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनके त्यागपत्र को स्वीकार करने से मना कर दिया था. आशुतोष को पार्टी छोड़े 10 दिन भी नहीं हुए थे कि आशीष खेतान ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दिया. आशीष भी पत्रकार से राजनेता बने है.
पत्रकार से नेता बने आशीष खेतान ने कहा, ''यह मेरा व्यक्तिगत निर्णय है. मैं किसी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहा. मेरा राजनीति में करियर पूरा हो चुका है और अब शायद अपना पत्रकारिता में जाना चाहता हूं और वकालत की ओर अपना ध्यान लगाना चाहता हूं."'
खेतान ने कहा, ''जब मैं पार्टी छोड़ रहा था तब मुझसे पूछा गया था कि आप लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते है, मैंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. मैं राजनीति में और नहीं रहना चाहिए. जब मैंने पार्टी ज्वॉइन की थी तब पार्टी 90 फीसदी आंदोलनकारी थी और 10 फीसदी राजनैतिक थी. सभी पार्टियां आंदोलन से निकलकर आती हैं और इसके बाद आखिरी में उन्हें राजनीति की ओर जाना ही पड़ता है.
आशुतोष के पार्टी छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे अपने बारे में ज्यादा अच्छे से बता सकते है और आशुतोष अपने बारे में बता सकते हैं. मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से आता हूं और आशुतोष भी. हमें अपने घर को अपना वक्त देना है, अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना है और ईएमआई भी भरना है.