Ashneer Grover: 'तारीख पर तारीख', अश्नीर ग्रोवर ने शेयर किया दामिनी फिल्म का डायलॉग, जानें जीएन साईंबाबा मामले से क्या है कनेक्शन
Ashneer Grover News: 2014 में माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ़्तार किए गए DU के पूर्व प्रोफ़ेसर साईबाबा को रिहा किए जाने के बाद अश्नीर ग्रोवर ने न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया है.
Ashneer Grover On Judicial Infrastructure: बंबई हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा (GN Saibaba) को बरी कर दिया है. माओवादी संबंध मामले में उनकी उम्रकैद की सजा को बंबई हाई कोर्ट ने रद्द किया है. इस पर भारतपे के सह-संस्थापक और पूर्व प्रबंध निदेशक, अश्नीर ग्रोवर, ने गुरुवार (7 मार्च) को भारतीय न्याय व्यवस्था की आलोचना की.
उन्होंने अदालत की प्रक्रिया की गति को चार गुना बढ़ाने का सुझाव दिया है. फिल्म दामिनी में सनी देओल के प्रसिद्ध डॉयलॉग का जिक्र करते हुए, अश्नीर ग्रोवर ने आश्चर्य जताया कि वह "तारीख पे तारीख' के बारे में शिकायत क्यों करते रहे!" उन्होंने कहा कि असल में कोर्ट के जो हालात हैं, वे और भी बुरे हैं. सनी देओल को तो फिल्म में असली हालात की तुलना में अधिक तेजी से न्याय मिला था.
For sure. The whole judicial infrastructure needs to be scaled up 4X. I sometimes wonder why Sunny Deol in the movie kept complaining about ‘Tareekh pe Tareekh’ ! He got a rather speedy trial as compared to situation on ground. https://t.co/CWzkPX8J3C
— Ashneer Grover (@Ashneer_Grover) March 7, 2024
क्या है मामला?
मुंबई हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मीकि एस.ए. मेनेजेस की खंडपीठ ने कहा कि वह सभी आरोपियों को बरी कर रही है क्योंकि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ संदेह से परे मामला साबित करने में विफल रहा.
प्रोफेसर साईबाबा वर्तमान में नागपुर सेंट्रल जेल में बंद थे. हाई कोर्ट ने 14 अक्टूबर, 2022 को विकलांग प्रोफेसर साईबाबा को बरी कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को खारिज कर दिया था और मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय में भेज दिया था.
10 सालों तक जेल में बंद रहे प्रोफेसर साई बाबा
साल 2013 में महाराष्ट्र में गढ़चिरौली जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में निगरानी के बाद आरोपी महेश तिर्की, पी. नरोटे और हेम मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद 2 सितंबर, 2013 को दो और आरोपी - विजय तिर्की और प्रशांत सांगलीकर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 4 सितंबर, 2013 को पूछताछ के दौरान आरोपी मिश्रा और सांगलीकर द्वारा किए गए खुलासे के बाद पुलिस ने 9 मई 2014 को साईबाबा को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. उसके बाद से करीब 10 साल गुजर गए हैं और वह जेल में ही बंद थे.