Maharashtra-Karnataka Border Dispute: कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) का बयान सामने आया है. उन्होंने दावा किया है कि दोनों राज्यों के सीमा विवाद के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) के ‘फर्जी’ ट्विटर हैंडल के मुद्दे पर महाराष्ट्र को गुमराह किया जा रहा है.
विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए जब चव्हाण से पूछा गया कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले में चुप क्यों है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ‘फर्जी’ ट्विटर अकाउंट के मुद्दे पर विवाद को खत्म करने में कर्नाटक की मदद कर रही है, जिससे “भड़काऊ टिप्पणियां” की गईं.
चव्हाण ने उठाए कई सवाल
चव्हाण ने सोमवार (19 दिसंबर) को कहा कि ट्वीट में इस्तेमाल की गई भड़काऊ भाषा आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि इस ट्विटर हैंडल को फर्जी बताया जा रहा है, लेकिन यह हैंडल जनवरी 2015 से सक्रिय था और ट्विटर की तरफ से वेरिफाइड किया गया है. अब तक कर्नाटक सरकार के सभी आधिकारिक फैसले इसी हैंडल पर पोस्ट किए जाते रहे हैं. उन्होंने पूछा कि अगर ट्विटर हैंडल फर्जी था तो महाराष्ट्र से जुड़े ट्वीट क्यों नहीं हटाए गए और ट्विटर अकाउंट अब भी कैसे एक्टिव है? उन्होंने कहा कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को गुमराह किया जा रहा.
'बोम्मई की तरफ से पोस्ट नहीं किए गए थे ट्विट'
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले हफ्ते कहा था कि महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों का दावा करने वाले ट्विटर पोस्ट कर्नाटक के सीएम बोम्मई की तरफ से नहीं किए गए थे. इस मामले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि शीर्ष नेताओं के नाम पर फर्जी ट्वीट ने भी इस मुद्दे को बढ़ाया है. उन्होंने कहा था कि फर्जी अकाउंट बनाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
शिंदे और बोम्मई ने की फोन पर बात
इस मामले को लेकर आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से करीब 20 मिनट तक फोन पर बातचीत की. बोम्मई ने शिंदे को बताया कि उनके खिलाफ फेंक अकाउट से ट्विट करने वाले व्यक्ति का पता लगा लिया गया है. जल्द ही कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति ने यह हरकत की है उसके राष्ट्रीय पार्टी से जुड़ा हुआ होने की बात सामने आई है.
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