नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा है कि दिल्ली की राजनीति नहीं करना चाहते हैं. सोनिया गांधी चव्हाण को अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का महासचिव बनाना चाहती थी. उन्हें दीपक बाबरिया की जगह मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव की ज़िम्मेदारी मिलने वाली थी लेकिन शनिवार शाम को अशोक चव्हाण ने कांग्रेस अध्यक्ष को फोन करके कहा कि मैं दिल्ली की राजनीति नहीं करना चाहता हूं.


उन्होंने कहा, ''महाराष्ट्र में अभी चुनाव हैं. भले ही मुझे अध्यक्ष पद ये हटा दिया गया हो लेकिन मैं अपने राज्य में ही पार्टी के लिए काम करूंगा.'' दरअसल, जब राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे तो अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह बाला साहेब थोराट को राज्य की ज़िम्मेदारी दी गयी थी.


उस वक़्त बदलाव की एक वजह एनसीपी के मुखिया शरद पवार को भी बताया जाता है कि शरद पवार ने राहुल गांधी को कहा था, ''अगर कांग्रेस चुनाव गठबंधन कर लड़ना चाहती है तो जल्द से जल्द राज्य की इकाई में जो बदलाव करना है पार्टी करे.''


उसी के बाद अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया गया था और अब सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद अशोक चव्हाण को मध्यप्रदेश की ज़िम्मेदारी दी जा रही थी जिसे लेने से अशोक चव्हाण ने मना कर दिया. सोनिया गांधी का मानना है कि अशोक चव्हाण महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े चेहरे हैं और उन्हें दिल्ली लाकर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने की भरपाई की जा सकती है.


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