Rajasthan Congress: कर्नाटक में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद पार्टी में नया जोश आया है. दक्षिणी राज्य के चुनावी नतीजे के बाद पार्टी फूंक-फूंककर कदम रख रही है. इसी क्रम में राजस्थान को लेकर चल रही उथल-पुथल को लेकर नया अपडेट आया है. सोमवार (29 मई) को दिल्ली में खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राजस्थान के झगड़े को सुलझाने की कोशिश करेंगे.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से सोमवार को अलग-अलग मिलेंगे. देखना दिलचस्प होगा कि दोनों नेताओं में समझौता या फिर कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से कोई फैसला हो पाता है या नहीं. हालांकि, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व झगड़े को सुलझाने की हर संभव कोशिश करेगा.


नया विवाद नहीं


कांग्रेस हाईकमान के लिए गहलोत-पायलट का विवाद नया नहीं है. 1996 में सोमेन मित्रा-ममता बनर्जी और 2009 में जगन रेड्डी-रोसैया के बीच ऐसा ही विवाद उलझा था. हाईकमान ने दोनों जगहों पर राजस्थान की तरह ही पहले यथास्थिति को बनाए रखा और बाद में ऐसा फैसला लिया जो गलत साबित हुआ.


ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल है कि खरगे के पास अब क्या विकल्प हैं, जिस पर पायलट और गहलोत दोनों मान जाएं? अगर खरगे की इस मैराथन मीटिंग में भी बात नहीं बनी तो सचिन पायलट क्या करेंगे? फिलहाल आशंका व्यक्त की जा रही है कि इस घटनाक्रम का समाधान कैसे सामने आएगा?


26 मई की मीटिंग भी हुई थी निरस्त


राजस्थान सहित चुनावी राज्यों को लेकर दिल्ली में शुक्रवार (26 मई) को बैठक निरस्त हो गई थी. राज्य के कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा के कार्यालय की ओर से भी पुष्टि की गई थी कि 26 मई को जो मीटिंग होनी थी, उसे आगे के लिए टाल दिया गया. इस साल राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं. दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है.


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