Ashok Gehlot on BJP and AAP: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. गहलोत ने शनिवार को दावा किया कि भाजपा को चुनावी चंदे का कुल 95 प्रतिशत हिस्सा मिल रहा है और दानदाता डर के कारण अन्य दलों को चंदा नहीं दे रहे हैं. आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान में सूरत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने भाजपा पर कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को चंदा देने की इच्छा रखने वाले उद्योगपतियों और कॉरपोरेट घरानों को धमकाने का आरोप भी लगाया है. वहीं आप और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने खिलाफ किसी भी नकारात्मक खबर को दबाने के लिए धन का इस्तेमाल करते हैं.


भाजपा को आरोपों में घेरा


गहलोत ने कहा कि अगर अन्य पार्टियों को दान दिया जाता है तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग चंदा देने वालों के दरवाजे पर पहुंच जाते हैं. हमारे देश में चंदे पर भी एक ही पार्टी ने कब्जा कर रखा है. उन्होंने करोड़ों रुपये जमा कर रखे हैं, जिसका इस्तेमाल वे देशभर में पांच सितारा पार्टी कार्यालय बनाने में करते हैं.


गहलोत ने बताया कि चुनावी बॉन्ड की शुरुआत के बाद कुल दान का 95 प्रतिशत भाजपा को जा रहा है और दानकर्ता डर के कारण अन्य दलों को चंदा नहीं दे रहे हैं. भाजपा ने एक मॉडल पेश किया है, जिसमें चंदे के माध्यम से एकत्र किए गए धन का उपयोग राज्य सरकारों को गिराने के लिए किया जा रहा है, जैसे उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक में किया.


कांग्रेस सरकार बनाने को तैयार


शासन कर रही भाजपा पर अशोक गहलोत ने फासीवादी होने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की पार्टी किसी नीति, कार्यक्रम या सिद्धांतों के बजाय धार्मिक आधार पर चुनाव जीतती है. उन्होंने कहा, गुजरात महात्मा गांधी की भूमि है, लेकिन यहां हिंसा और अशांति का माहौल है. गुजरात की स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और समाज के सभी वर्ग भाजपा से नाखुश भी हैं. गहलोत ने कहा कि गुजरात से भाजपा की सरकार को हटाने का समय आ गया है और इसलिए कांग्रेस अगली सरकार के गठन के लिए तैयार है.


आप पर गहलोत का प्रहार


अशोक गहलोत ने भाजपा के साथ आम आदमी पार्टी को भी घेरा. गहलोत ने आप और उसके राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल पर पैसे के जरिये मीडिया को नियंत्रित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, केजरीवाल जो कर रहे हैं, वह लोकतंत्र के लिए भी खतरनाक है. केजरीवाल अपने खिलाफ किसी भी नकारात्मक समाचार को दबाने के लिए पैसा खर्च करते हैं. उनके टीवी साक्षात्कार भी नाटक होते हैं. उन्होंने पिछले तीन महीनों के दौरान ऐसा माहौल बनाया है कि सब कुछ (उनके पक्ष में) हो गया है, लेकिन यह सच नहीं है. लोग उनकी चालबाजी से वाकिफ हैं.


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