जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने के लिए आज एक बार फिर प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल की तरफ से मांगे गये स्पष्टीकरण पर चर्चा की गई. जिसके बाद प्रस्ताव राज्यपाल को भेज दिया गया है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने प्रस्ताव में इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि क्या वह विधानसभा सत्र में विश्वास मत प्राप्त करना चाहती है. हालांकि प्रस्ताव में राज्यपाल की तरफ से मांगे गए तीन स्पष्टीकरण का जिक्र है.
बता दें कि राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का कैबिनेट का प्रस्ताव दुबारा वापस सरकार को भेज दिया था. राज्य सरकार ने शनिवार रात को जो संशोधित कैबिनेट प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा गया था उसमें विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने की बात थी. लेकिन राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को तीन बिंदुओं के साथ सरकार को लौटा दिया.
दो घंटे चली कैबिनेट की बैठक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास में हुई कैबिनेट बैठक लगभग दो घंटे चली. बैठक के बाद एक मंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के संशोधित प्रस्ताव पर राज्यपाल द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा हुई है.
बैठक के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा,''हम राज्यपाल से कोई टकराव नहीं चाहते हैं वे हमारे परिवार के मुखिया हैं.'' उन्होंने कहा, ''अब राज्यपाल को तय करना है कि वे हर राजस्थान की भावना को समझें.''
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