राजस्थान में विधानसभा चुनाव अभी डेढ़ साल दूर है लेकिन राज्य की गहलोत सरकार अभी से चुनावी महौल में आ गई है. अब जून-2022 से राज्य की अशोक गहलोत सरकार एक ऐसा बड़ा दांव खेलने जा रही है, जिसका उसे चुनाव में भरपूर लाभ मिल सके. ये दांव है प्रदेश की लगभग डेढ़ करोड़ महिलाओं को मुफ़्त स्मार्ट फ़ोन बांटने का, मुफ़्त फ़ोन की घोषणा राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने इस साल के अपने बजट भाषण में कर चुके हैं.
राज्य का आई टी विभाग गहलोत की इस बजट घोषणा को लागू करने के लिए कई टेलिक़ाम कम्पनियों से बात कर रहा है. दो कम्पनी शॉर्ट लिस्ट भी की जा चुकी है, सरकार ने साफ़ कर दिया है कि उन्हें सिर्फ़ डेटा पैक का भुगतान किया जाएगा स्मार्ट फ़ोन खुद कम्पनी उपलब्ध करवाएगी. कम्पनी को तीन साल तक के लिए फ़्री इंटरनेट कनेक्टिविटी और फ़्री कालिंग सुविधा देनी होगी, एक महीने में उपभोक्ता को पाँच से दस GB डेटा कम्पनी उपलब्ध करवाएगी. वहीं इस काम के लिए जल्दी ही आई टी विभाग टेंडर जारी करने जा रहा है.
इस योजना पर क़रीब ढाई हज़ार करोड़ रुपए खर्च
राज्य की गहलोत सरकार मुफ़्त स्मार्ट फ़ोन की अपनी इस योजना पर करीब ढाई हजार करोड़ रुपए खर्च करने वाली है और इसका मकसद होगा चिरंजीवी योजना से जुड़ी करीब डेढ़ करोड़ महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ना. राज्य सरकार की तमाम फ़्लैगशिप योजनाओं के एप इस स्मार्ट फोन में पहले से डाउनलोड होंगे, जिस कंपनी को इस काम का टेंडर मिलेगा. उन्हें तय शर्तों और मापदंडों के मुताबिक़ स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाना होगा. ये फोन कम से कम साढ़े पांच इंच की डिस्प्ले स्क्रीन वाले मेड इन इंडिया फ़ोन होंगे, डबल सिम और कम से कम आठ मेगा पिक्सल कैमरे की शर्त भी कम्पनी को पूरी करनी होगी और इसके अलावा अन्य तकनीकी शर्तें भी कम्पनी को पूरी करनी होगी.
वसुंधरा सरकार ने चालीस लाख लोगों को मुफ़्त फ़ोन वितरित किए थे
दरअसल मुफ़्त फ़ोन बांटने का ये फॉर्मूला राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने भी लागू किया था, वसुंधरा ने अपने शासन के आख़िरी साल के चालीस लाख लोगों को मुफ़्त फोन वितरित किए थे. लेकिन वसुंधरा सरकार ने जो फोन बांटे थे वो कीपैड वाले फ़ोन थे और यह मोबाइल बांटकर भी बीजेपी राज्य की सत्ता में वापसी नहीं कर सकी थी. अब गहलोत सरकार एक कदम आगे बढ़कर स्मार्ट फोन के जरिए सत्ता में वापसी के मंसूबे पाल रही है.
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