जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) मानवता पर कलंक है. भीड़ द्वारा किसी की जान ले लेने से पीड़ित परिवार पर क्या गुजरती होगी, इसका दर्द हम सब महसूस कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है. हमारा कोई नागरिक मॉब लिंचिंग का शिकार न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे. इसके लिए हमारी सरकार एक सख्त कानून लेकर आई है.


इसके अलावा उन्होंने कहा,'' पहलू खान वाले मामले में भी सरकार ने निर्णय किया है कि हम वापस अपील करेंगे.''






गहलोत ने गुरूवार को शासन सचिवालय में सचिवालय कर्मचारी संघ की ओर से आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मणिपुर के बाद राजस्थान देश का ऐसा दूसरा राज्य है, जिसने मॉब लिंचिंग पर कानून बनाया है और देश में प्रेम, मोहब्बत तथा भाईचारे का संदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दो युवाओं में प्रेम होना कोई गुनाह नहीं है. उन्हें अपनी रजामंदी से विवाह का अधिकार है. उनकी सुरक्षा के लिए हमारी सरकार ने ऑनर किलिंग पर भी मजबूत कानून बनाया है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन सचिवालय संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन का केन्द्र बने और यहां आने वाले हर फरियादी की समस्या का समाधान हमारा कर्तव्य होना चाहिए. सरकार सभी कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. इससे पहले मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने कहा कि राज्य कर्मचारी संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन की महत्वपूर्ण कड़ी हैं. हमें ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने का संकल्प लेना चाहिए.


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