(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ashok Gehlot: राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा पर सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रियों को होम वर्क करने के दिए निर्देश, बीजेपी और आरएसएस होंगे निशाने पर
Rajasthan Violence: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि होम वर्क करके राजस्थान में हिंसा के लिए बीजेपी और आरएसएस को निशाने पर लो. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
Violence In Rajasthan: राजस्थान के करौली, भरतपुर, जोधपुर और भीलवाड़ा समेत कई इलाक़ों में एक के बाद एक हो रही साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं को लेकर राज्य के सीएम अशोक गहलोत अब आक्रमण की मुद्रा में आते दिख रहे हैं. सीएम अशोक गहलोत करौली में हुए साम्प्रदायिक तनाव के वक्त से ही बीजेपी और आरएसएस को ज़िम्मेदार बताते रहे हैं और अब अपने इस आरोप की पुष्टि के लिए उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को मैदान में उतरने की ज़िम्मेदारी दी है. सीएम गहलोत ने अपने सभी मंत्रियों को निर्देश जारी किए हैं कि वो अपने अपने प्रभार वाले ज़िलों में जाएं और मीडिया के सामने तमाम तथ्यों को रखे जिससे ये साबित हो कि इस घटनाओं में बीजेपी और आरएसएस का हाथ है.
होमवर्क करके करें बीजेपी और आरएसएस पर हमला
गहलोत ने अपने राज्य के सभी 33 ज़िलों में अलग-अलग मंत्री को प्रभारी नियुक्त कर रखा है. अपने सभी ज़िला प्रभारी मंत्रियों को गहलोत ने कहा है कि वो अगली 13 मई को अपने अपने प्रभार वाले ज़िलों में जाएं और साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं से जुड़े तमाम सबूतों को मीडिया के सामने प्रेस वार्ता करके रखे. गहलोत ने इसके लिए सभी मंत्रियों को पहले अपना होम वर्क करने के निर्देश भी जारी किए है.
तो इसलिए 13 मई है खास
गहलोत ने इसके लिए 13 मई का दिन ख़ासकर चुना है. दरअसल इस दिन से ही कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय चिंतन बैठक उदयपुर में शुरू होगी. इसके लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा गांधी और राहुल गांधी समेत पार्टी के तमाम आला नेता तीन दिन तक राजस्थान में ही रहेंगे. इस लिहाज़ से 13 मई का दिन राजस्थान के लिए ख़ासा अहम है. गहलोत इस मौक़े को भुनाना चाहते हैं और आलाकमान के सामने ये दर्शाना चाहते हैं कि राजस्थान में उनकी सरकार को बीजेपी और आरएसएस इस तरह से अस्थिर करने में जुटे है.
राजस्थान सरकार की उपलब्धियों पर भी रहेगा जोर
प्रभारी मंत्री अपनी प्रेस कांफ्रेंस में गहलोत सरकार की अब तक की उपलब्धियों का बखान भी करेंगे. लेकिन मंत्रियों का फ़ोकस पूरी तरह इस बात पर रहेगा कि शांत राजस्थान में अचानक हो रही साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं में बीजेपी और आरएसएस का ही हाथ है. ज़िलों के प्रभारी मंत्री सीएम के इस निर्देश के बाद तथ्यों और सबूतों के संकलन में जुट गए हैं ताकि सीएम की मंशा के मुताबिक़ मीडिया से रुबरु हुआ जा सके.
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