Nasir-Junaid Murder Case: हरियाणा के नूंह जिले में भड़की हिंसा के बाद कथित गोरक्षक मोनू मानेसर का नाम सामने आया, ये वही मोनू मानेसर है, जिसकी तलाश राजस्थान की भरतपुर पुलिस कर रही है. उस पर दो मुस्लिम युवकों नासिर और जुनैद की हत्या और शवों को जलाने का आरोप है. नूंह हिंसा के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मोनू मानेसर जैसे आरोपियों को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस की मदद करने की बात कही थी. जिसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने खट्टर को ट्विटर पर जवाब दिया तो ओवैसी ने उन्हें ही खरी-खोटी सुना दी. 


आपने हमारी पुलिस पर दर्ज कर दी FIR- गहलोत
खट्टर के मदद करने के दावे को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर लिखा, "हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर मीडिया में बयान देते हैं कि राजस्थान पुलिस की हरसंभव मदद करेंगे परन्तु जब हमारी पुलिस नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने गई तो हरियाणा पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया बल्कि राजस्थान पुलिस पर FIR तक दर्ज कर ली. जो आरोपी फरार हैं उन्हें तलाशने में हरियाणा पुलिस राजस्थान पुलिस का सहयोग नहीं कर रही. श्री खट्टर हरियाणा में हो रही हिंसा को रोकने में नाकाम रहे और अब सिर्फ लोगों को ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं जो उचित नहीं है."






ओवैसी ने गहलोत से पूछा- आपने क्या कदम उठाए?
अशोक गहलोत निशाना तो मनोहर लाल खट्टर पर साध रहे थे, लेकिन एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उल्टा उन्हें ही घेर लिया. गहलोत के ट्वीट पर जवाब देते हुए ओवैसी ने लिखा, "गहलोत साहब, हरियाणा की भाजपा सरकार से हम वैसे भी कोई उम्मीद नहीं रखते, लेकिन नासिर-जुनैद की हत्या से लेकर अब तक आपके प्रशासन ने सुस्ती और लाचारी दिखाई है. चाहे वो उनके परिवारों को मुआवजा देने की बात हो या उनके कातिलों को पकड़ने की. जुनैद-नासिर का कत्ल फरवरी में हुआ था. अगर खट्टर सरकार आपका सहयोग नहीं कर रही थी, तो तब से लेकर अब तक आपकी सरकार ने क्या कदम उठाए? आपकी सरकार Article 131 के तहत हरियाणा सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई?"


बता दें कि फरवरी में नासिर और जुनैद की हत्या हुई थी. दोनों के शव एक जली हुई कार में बरामद हुए थे. इसके बाद से ही इस मामले के बड़े आरोपी मोनू मानेसर की तलाश जारी है, वो अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. हाल ही में नूंह में हुई हिंसा के बाद मोनू मानेसर एक बार फिर चर्चा में है. 


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