Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. सचिन पायलट ने गुरुवार (11 मई) को पार्टी के रुख से अलग जाकर जन संघर्ष पदयात्रा की शुरूआत की. उनके इस कदम के बाद दिल्ली में कांग्रेस की शुक्रवार (12 मई) को बैठक हुई. 


इस बैठक में राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राज्य के लिए सह-प्रभारी की भूमिका निभा रहे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवों काजी निजामुद्दीन, वीरेंद्र राठौर और अमृता धवन मौजूद रहे.


बैठक के बाद रंधावा ने कहा कि पायलट की यह निजी यात्रा है. उन्होंने कहा, ''हम यात्रा पर नजर रख रहे हैं. इसको लेकर हम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ चर्चा करेंगे, जब वो कर्नाटक से दिल्ली लौटेंगे. हम अपनी बात उनके (खरगे) के सामने रखेंगे.''


सचिन पायलट की यात्रा के मायने
सचिन पायलट के कदम को अशोक गहलोत और कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. पायलट लगातार कह रहे हैं कि गहलोत ने वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले चार साल में कोई कार्रवाई नहीं की है. 


अपनी इस पांच दिवसीय यात्रा को 'भ्रष्टाचार के विरोध में' निकाली जा रही जन संघर्ष पदयात्रा बताने वाले पायलट का कहना है कि अपनी आवाज उठाने, आपकी आवाज सुनने और जनता की आवाज बनने के लिए' यह यात्रा निकाली जा रही है. राजस्थान में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव है तो ऐसे में पायलट और गहलोत के बीच खींचतान से माना जा रहा है कि कांग्रेस की मुश्किल बढ़ सकती है. 


बता दें कि हाल के दिनों में पायलट और  गहलोत में जुबानी जंग और तेज हो गई है. गहलोत एक तरफ कह रहे हैं कि हमसे बगावत करके विधायकों ने बीजेपी से पैसे लिए थे. इस पर पायलट ने जवाब देते हुए कहा था कि ये आरोप गलत है. 


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