Ashok Gehlot vs Sachin Pilot: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सचिन पायलट को गद्दार कहे जाने के बाद से कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह एक बार फिर से सामने आ गई है. गहलोत की इस टिप्पणी से पार्टी आलाकमान काफी ज्यादा नाराज है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब गहलोत पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी इस बात के संकेत दिए हैं. जयराम रमेश ने साफ शब्दों में कहा है कि पार्टी के लिए राजस्थान में संगठन सर्वोपरि है और इसकी मजबूती के लिए जरूरत पड़ने पर कठोर निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटेगी.


जयराम रमेश ने कहा, 'राजस्थान के मसले का हम वही हल चुनेंगे, जिससे हमारा संगठन मजबूत होगा. इसके लिए अगर हमें कठोर निर्णय लेने पड़े तो कठोर निर्णय लिए जाएंगे. अगर दोनों के बीच (गहलोत और पायलट) समझौता कराया जाना सही होगा, तो समझौता कराया जाएगा. कांग्रेस को गहलोत और पायलट, दोनों की जरूरत है.'


कब होगी गहलोत पर कार्रवाई?


जयराम रमेश के बयान से साफ पता चल रहा है कि पायलट पर गहलोत के विवादित बयान से पार्टी आलाकमान काफी नाराज हैं और सही समय पर इस पर कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने अभी इस विषय को शांत कर दिया है लेकिन राजस्थान से भारत जोड़ो यात्रा निकलने के बाद इस मामले पर कार्रवाई की जाएगी. यात्रा दिसंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान में प्रवेश करेगी और पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता है कि इस विवाद का यात्रा पर कोई प्रभाव पड़े.


यात्रा तक पार्टी नेताओं की सलाह


पिछले कुछ सालों से कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी कलह काफी हावी रही. पार्टी को इससे काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पार्टी ने आंतरिक कलह की वजह से पंजाब को भी गंवा दिया था. हालांकि पार्टी नेतृत्व की ओर से यात्रा समाप्त होने तक आपसी मतभेदों को दूर रखने का स्पष्ट संदेश दिया गया था. नेतृत्व ने अब तक केरल, कर्नाटक या मध्य प्रदेश में गुटीय मतभेदों को शांत रखा. यात्रा के दौरान अभी तक पार्टी ने एकजुटता का संदेश दिया. 


राजस्थान में आंतरिक कलह चरम पर


राजस्थान में भी गहलोत और पायलट के बीच बयानबाजी का बवाल लंबे समय से जारी है. दोनों के बीच जुबानी जंग की वजह सीएम की कुर्सी है, जिस पर गहलोत बैठे रहना चाहते हैं और पायलट बैठने का ख्वाब संजोए हैं. इसी कुर्सी की लड़ाई में दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी न करने के पार्टी के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की दो साल पहले की बगावत को गद्दारी बताते हुए साफ कर दिया कि सीएम के तौर पर पायलट उन्हें हरगिज मंजूर नहीं होंगे. 


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