Rajasthan CM Ashok Gehlot vs Sachin Pilot: राजस्थान में कांग्रेस के दिग्गज नेता व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच एक बार फिर टकराहट देखने को मिली है. सचिन पायलट ने हाल ही में सीएम को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिससे दोनों के रिश्तों की दूरियां एक बार फिर दिखने लगी हैं.


दरअसल, वर्ष 2019 के पुलवामा हमले में शहीद जवानों की वीरांगनाओं की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत नीत सरकार पर हमला करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि “अहम को किनारे रखकर उनकी बात सुनी जानी चाहिए,”


6 दिन पहले शुरू हुई भूख हड़ताल


उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रदर्शन कर रही तीन जवानों की वीरांगनाओं को शुक्रवार तड़के यहां कांग्रेस नेता सचिन पायलट के घर के बाहर प्रदर्शन स्थल से हटा दिया गया था. पुलिस ने उन्हें उनके आवासीय क्षेत्रों के पास के अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया. ये वीरांगनाएं 28 फरवरी से प्रदर्शन कर रही हैं और इन्होंने नियमों में बदलाव की मांग करते हुए छह दिन पहले अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी ताकि न सिर्फ उनके बच्चों बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल सके. उनकी अन्य मांगों में सड़कों का निर्माण और उनके गांवों में शहीदों की प्रतिमाएं लगाना शामिल है.


वीरांगनाओं के मामलों को गंभीरता से सुने सरकार


पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए टोंक में पायलट ने मीडिया से कहा कि वीरांगनाओं के मामले को संवेदनशीलता के साथ सुना जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आज भी मानना है कि हम सड़क निर्माण, घर निर्माण और प्रतिमा लगाने की उनकी मांग पूरी कर सकते हैं. यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम वीरांगनाओं की मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. यह अलग बात है कि हम उनपर सहमत होते हैं या नहीं, लेकिन अहम को किनारे रखकर उनकी मांगों को सुना जाना चाहिए.’’


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