कोरोनावायरस का असर पूरी दुनिया में फैला हुआ है. लाखों लोग इससे संक्रमित हैं, जिनमें से कई अपनी जान गंवा चुके हैं. बीमारी का सही इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है और इसके वैक्सीन के लिए दुनियाभर की लैबोरेटरी में प्रयोग चल रहे हैं. इस बीच एक रिसर्च में सामने आया है कि अश्वगंधा में पाए जाने वाले एक तत्व की मदद से इस बीमारी की दवा बनाने में मदद मिल सकती है.


अश्वगंधा और प्रॉपलिस में हैं खास तत्व


द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-दिल्ली (IIT-Delhi) और जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड इंडस्ट्रियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने मिलकर एक स्टडी की है जिसमें पता चला है कि अश्वगंधा में पाया जाने वाला विथानन (Withanone:Wi-N) दवा बनाने में कारगर साबित हो सकता है.


रिपोर्ट के मुताबिक, Wi-N अश्वगंधा में पाया जाने वाला प्राकृतिक तत्व है. रिसर्च के मुताबिक Wi-N और न्यूजीलैंड के पौधे प्रॉपलिस में मौजूद कैफेक एसिड फेनेथिल एस्टर (CAPE) मेन प्रोटियाज (Mpro) की एक्टिविटी को ब्लॉक कर सकते हैं.


'दवा में होगी देरी, इनका होना चाहिए ट्रायल'


इस रिसर्च में शामिल टीम का मानना है कि दवा बनाने के लिए इन तत्वों का लैब में प्राथमिकता के आधार पर टेस्ट और ट्रायल होना चाहिए, ताकि महामारी को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने के लिए जारी प्रयासों में और देरी न हो.


रिसर्च से जुड़े एक वैज्ञानिक ने कहा, "दवा को बनाने में काफी वक्त लग सकता है और ऐसे में मौजूदा हालात में ये प्राकृतिक तत्व कुछ हद तक इसे रोकने या थैरेपी के तौर पर प्रयोग में लाए जा सकते हैं."


IIT दिल्ली के प्रोफेसर और बायोकैमिकल इंजीनियरिंग विभाग के हेड प्रोफेसर डी सुंदर के मुताबिक IIT दिल्ली और जापान का ये इंस्टीट्यूट एक दशक से भी ज्यादा वक्त से टेक्नोलॉजी के विकास में मिलकर काम कर रहे हैं . उन्होंने कहा कि प्राकृतिक दवाओं के मैकेनिज्म को आज तक सही से नहीं सुलझाया गया है, जबकि हजारों सालों से आयुर्वेद का प्रयोग किया जाता रहा है.


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