Priya Singh Case: ठाणे पुलिस ने प्रिया सिंह हिट एंड रन मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के प्रबंध निदेशक अनिल गायकवाड़ का बेटा अश्वजीत गायकवाड़ भी शामिल है. आरोपियों को सोमवार (18 दिसंबर) को कोर्ट में  पेश किया जाएगा. 


पुलिस ने बताया कि कासारवडवली पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में उसने अश्वजीत गायकवाड़, रोमिल पाटील और सागर शेडगे को गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से एक स्कार्पियो और एक लैंड रोवर डिफेंडर भी जब्त की गई है. पुलिस निरीक्षक ने कहा, "हम साइट के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं, गवाहों से बात कर रहे हैं और अन्य मामलों की विस्तार से जांच कर रहे हैं."


कासारवडवली पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुनील पाटिल ने कहा कि तीनों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 279 (सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना) और 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत आरोप लगाए गए हैं. 


प्रिया सिंह से मिले विपक्ष नेता अंबा दास दानवे
इस बीच मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. उद्धव गुटके विपक्ष नेता अंबा दास दानवे प्रिया सिंह से मिलने अस्पताल पहुंचे. इससे पहले शनिवार को संजय रावत ने कहा था कि इस मामले में एसआईटी गठित होनी चाहिए, जिसके बाद पुलिस ने SIT का गठन किया.


प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी पर साधा निशाना
वहीं, मामला सामने आने के बाद शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया था कि आरोपी बीजेपी युवा मोर्चा का अध्यक्ष है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "जिन्होंने ये काम किया है वे बीजेपी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं. उनके पिता काफी वरिष्ठ हैं. महाराष्ट्र में ये बात सामने नहीं आती, अगर पीड़िता अपने इंस्टाग्राम पर ये बात नहीं बताती. मैं बीजेपी से पूछना चाहती हूं कि आप ऐसे लोगों को जिम्मेदारी देते हैं, जो महिला विरोधी हैं.  


पुलिस पर जबरन दबाव बनाने का आरोप
इससे पहले पीड़िता प्रिया सिंह ने पुलिस पर जबरन दबाव बनाने का आरोप लगाया था. उसने बताया कि कल रात कुछ पुलिसकर्मी उसके पास आए और वे उससे किसी पेपर पर साइन करने के लिए दबाव बना रहे थे. उस समय उसके साथ कोई वकील नहीं था और न ही उसके परिवार से कोई उसके पास था.


प्रिया ने कहा कि पुलिसकर्मी कुछ भी सुनना नहीं चाहते थे. वह उस  पर दबाव डाल रहे थे और कह रहे थे कि जो होगा वह कल होगा, अभी इन कागजों पर साइन कर दो. जब उसने साइन नहीं किए तो वे लोग नाराज होकर वापस चले गए.


प्रिया सिंह ने कहा कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने मामूली धाराओं में ही मामला दर्ज किया. एफआईआर दर्ज होने के 4 दिन बाद भी हो जाने के बावजूद भी पुलिस सक्रिय नहीं हुई थी, लेकिन जब मामला सोशल मीडिया और मीडिया में आया तो पुलिस हरकत में आई है.  


'अश्वजीत ने मुझे मारने का प्रयास किया'
प्रिया ने आगे कहा, "अश्वजीत गायकवाड़ ने मुझे मारने का प्रयास किया, वह मुझे गाड़ी से रौंदना चाह रहा था. मुझे सड़क के किनारे फेंक दिया, जिसके बाद मैंने वहां बाइक से गुजर रहे एक शख्स से मदद मांगी. पुलिस ने इस मामले में धारा 307 क्यों नहीं लगाई? उसने मुझे जान से मारने की कोशिश की. पुलिस ने इस पर जांच शुरू नहीं की."


अपनी शिकायत में प्रिया सिंह ने दावा किया कि 11 दिसंबर को लगभग 1 बजे उसके बॉय फ्रेंड और एमएसआरडीसी के प्रबंध निदेशक अश्वजीत गायकवाड़ के बेटे ने उन्हें ठाणे के ओवला में कोर्टयार्ड में एक पार्टी में बुलाया. वह लगभग 3 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंती इस दौरना उसने गायकवाड़ को एक अन्य महिला के साथ देखा,जो उसकी पत्नी थी.


इस बाद उसने अश्वजीत  से बात करने की कोशिशों लेकिन गायकवाड़ ने उससे बात करने से इनकार कर दिया, जबकि रोमिल पाटिल ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया. इस दौरान उसके साथ मारपीट भी हुई. 


'पुलिस ने एक्सीडेंट का केस दर्ज किया'
पीड़िता की बड़ी बहन आकांक्षा सिंह ने आरोप लगाया कि गायकवाड़ और उसके साथियों ने उनकी बहन की हत्या करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने महज एक्सीडेंट का मामला दर्ज किया.  क्योंकि आरोपी एमएसआरडीसी के प्रबंध निदेशक के बेटा है.


आकांशा ने कहा कि प्रिया साढ़े चार साल तक अश्वजीत के साथ रिलेशनशिप में थी. वह अक्सर हमारे पारिवारिक समारोहों में आता था और हमेशा मेरी बहन पर शादी करने के लिए जोर देता था. उसे हाल ही में उसकी शादी के बारे में पता चला, लेकिन अश्वजीत ने उसे यह कहकर मना लिया कि वह तलाकशुदा है. इस सारी धोखाधड़ी के बाद, उसने अपने ड्राइवर से प्रिया को टक्कर मारने का आदेश दिया.


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