Ashwini Choubey On Chandrashekhar Singh: रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह बुरी तरह से फंस गए हैं. तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके बयान की आलोचना की है. वहीं अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी चंद्रशेखर को आड़े हाथों लिया है.


अश्विनी चौबे ने कहा, "ये अज्ञानी शिक्षा मंत्री है. इसने हजारों धर्मावलंबियों का अपमान किया है. बक्सर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और राज्य का सीएम धृतराष्ट्र बना हुआ है. रामचरित मानस एक जीवन पद्धति है ऐसे शिक्षा मंत्री का तुरंत इस्तीफा होना चाहिए. मैं अभी बक्सर जा रहा हूं. ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. नीतीश कुमार जी धृतराष्ट्र बने हुए हैं."


चंद्रशेखर ने क्या कहा था?


बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने यह कहकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है कि हिंदू ग्रंथ रामचरितमानस को मनुस्मृति की तरह जलाया जाना चाहिए, क्योंकि यह समाज में जाति विभाजन को बढ़ावा देता है. उन्होंने पटना में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह के दौरान यह टिप्पणी की.


उन्होंने दावा किया कि रामचरितमानस के श्लोक 'अधम जाति में विद्या पाये, भयातु यथा दूध पिलाये' का अर्थ है 'निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने के बाद ऐसे जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप हो जाते हैं'. यह कविता का अक्सर जानबूझकर गलत व्याख्या किया गया अनुवाद है, क्योंकि जहरीला शब्द पद्य में दावा के रूप में प्रकट नहीं होता है. तात्पर्य यह है कि जिस प्रकार दूध पीकर सर्प सुख का अनुभव करता है, उसी प्रकार अपने को अधम जाति बताने वाला वक्ता भी शिक्षा पाकर प्रसन्न होता है.


नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री के बयान पर क्या कहा?


शिक्षा मत्री के विवादित बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ बोलने से परहेज करते नजर आए. उन्होंने गुरुवार को कहा, हमको इसके बारे में कुछ मालूम नहीं है. हम देखेंगे तब ही कुछ कह पाएंगे. मुझे पता नहीं है. मैं उनसे पूछ लूंगा." बता दें कि मुख्यमंत्री गुरुवार को समाधान यात्रा के तहत दरभंगा पहुंच थे.


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