Supreme Court On Renaming Commission: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से शनिवार (11 फरवरी) को विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर रखे गए शहरों, सड़कों, इमारतों और संस्थानों के नाम बदलने की मांग की गई है.
बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर (PIL) कर कहा कि इसके लिए कोर्ट को एक आयोग बनाना चाहिए. याचिका में री- नेमिंग कमीशन बनाने की मांग के पीछे धार्मिक स्वतंत्रता, अनुच्छेद 21, 25 और 29 का हवाला देते हुए ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने की बात कही गई है.
याचिका में क्या है?
अश्विनी उपाध्याय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में य़ाचिका वकील अश्वनी कुमार दुबे ने दायर की है. इसमें कहा कि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण रिसर्च करके ऐसे ऐतिहासिक सांस्कृतिक धार्मिक स्थलों का नाम बताएं जहां के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए हैं. साथ ही इसमें मांग की गई कि राज्य और केंद्र सरकार भी अपनी वेबसाइट पर ऐसे जगहों के नाम बताएं.
सरकार ने नहीं किया कुछ
भगवान कृष्ण और बलराम के आशीर्वाद से पांडवों ने खांडवप्रस्थ (निर्जन भूमि) को इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) में बदला लेकिन एक भी नगरपालिका, गांव और विधानसभा क्षेत्र का नाम इन पर नहीं है. इसके बाद भी सरकार ने कुछ नहीं किया. आज भी कई जगहों के नाम विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर हैं. इस कारण याचिका में हम मांग करते हैं कि गृह मंत्रालय नाम बदलने को लेकर आयोग बनाएं.
क्या हवाला दिया?
याचिका में हवाला देते हुए कहा गया कि 28 जनवरी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया, लेकिन आज भी अकबर रोड, बहादुर शाह जफर रोड और तुगलक रोड सहित कई सड़को के नाम नहीं बदले गए.
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