मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी में दो साल पहले कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आया था और अब धारावी कोविड-19 से मुक्त हो चुकी है. यह क्षेत्र एक समय में कोरोना वायरस संक्रमण का ‘हॉटस्पॉट’ बन गया था और निषिद्ध क्षेत्र घोषित किये जाने के बाद नगर निकाय के लिए चुनौती बना हुआ था. एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती कहे जाने वाले बेहद घने इलाके धारावी में बृहस्पतिवार को संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया. बृहन्मुंबई महानगर पालिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धारावी में अभी कोविड-19 का कोई भी मरीज उपचाराधीन नहीं है.


जी-उत्तर वार्ड के सहायक निकाय आयुक्त किरण दिघवकर ने कहा कि 2020 में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से लेकर अब तक ऐसा पहली बार हुआ है जब धारावी में कोविड का कोई मरीज उपचाराधीन नहीं है. दिघवकर ने कहा, “आज धारावी सही मायने में कोविड मुक्त हो चुका है.” उन्होंने कहा कि पिछले दो सप्ताह से धारावी में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है और उपचाराधीन सभी मरीज ठीक हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि महामारी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति इस समय घर पर पृथक-वास में नहीं है.


बता दें कि जब धारावी में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला पहला मामला सामने आया और उसके बाद यहां मामले बढ़ने लगे थे, तब महाराष्ट्र के लिए यह सबसे ज्यादा चिंता का विषय बन चुका था क्योंकि यहां पापुलेशन डेंसिटी काफी ज्यादा है. ऐसे में चुनौती थी कि यहां के लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में परेशानी होगी. लेकिन, पहला मामला सामने आने के अब 2 साल बाद मुंबई की यह झुग्गी बस्ती धारावी कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं.


मुंबई में 11 मार्च 2020 को कोविड-19 का पहला मामला सामने आने के लगभग 20 दिन बाद, एक अप्रैल को धारावी में संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. अब तक इस इलाके में संक्रमण के 8,233 मामले सामने आ चुके हैं और कोविड से 419 मरीजों की मौत हो चुकी है.