Asian Games: दिल्ली हाई कोर्ट ने पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों के ट्रायल से दी गई छूट में हस्तक्षेप करने से शनिवार (22 जुलाई) को इनकार कर दिया. इसी बीच भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के एडहोक कमेटी के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा ने बताया कि खिलाड़ियों को छूट क्यों दी गई?


एडहोक कमेटी के मेंबर भूपेंद्र सिंह बाजवा ने कहा, ''छूट देने को लेकर पुरानी पॉलिसी चलती आ रही है. आप वेबसाइट पर देखिए पता लगेगा. सिलेक्शन पॉलिसी में है कि आप अच्छे खिलाड़ियों को छूट दे सकते हैं ताकि वो घायल नहीं हो. पिछले एशियन गेम्स में भी हुआ था.'' दरअसल कई खिलाड़ी ट्रायल में छूट देने का विरोध कर रहे हैं. 


याचिका दायर करने वाली अंतिम पंघाल ने क्या कहा?
अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल ने हाई कोर्ट के निर्णय के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मैं सबसे बात करूंगी कि हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है. हमें भी बाहर जाने का मौका मिलना चाहिए है. हमें बाहर जाने का मौका नहीं मिलेगा तो बाहर कैसे जाएंगे? ये लोग फिर से मेडल ले आएंगे तो फिर से कहा जाएगा कि ये लोग अच्छे है तो हम किधर जाएंगे. हमारे साथ अन्याय हो रहा है. 


याचिकाकर्ताओं के वकील ने क्या कहा था?
फोगाट और पुनिया को सीधे प्रवेश के खिलाफ अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. 


याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील सुनवाई के दौरान कहा कि फोगाट और पुनिया का चयन छूट नीति के अनुरूप नहीं था. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कोई विदेशी विशेषज्ञ नहीं है और पुनिया और फोगाट का चयन करने का फैसला मुख्य कोच की सिफारिश के बिना ही किया गया है. 


पीटीआई के मुताबिक,  डब्ल्यूएफआई के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी भारवर्ग श्रेणी में चयन ट्रायल आवश्यक है.  हालांकि चयन समिति को मुख्य कोच/विदेशी विशेषज्ञ की अनुशंसा के आधार पर बिना ट्रायल के ओलंपिक/विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं जैसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों का चयन करने का विवेकाधिकार होगा बशर्ते इसका सिफारिश मुख्य कोच या विदेशी विशेषज्ञ करे. 






मामला क्या है?
फोगाट (53 किलोग्राम) और पुनिया (65 किलोग्राम) को आईओए की तदर्थ समिति ने एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया, जबकि अन्य पहलवानों को 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल के माध्यम से भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करनी होगी. 



ये दोनों सात महिला पहलवानों का कथित यौन उत्पीड़न करने के लिए  बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर दिए गए धरने के मुख्य चेहरे थे. 


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