‘यमराज से कहें, दोषियों को सजा पूरी करने के लिए धरती पर भेंजें’- कोलकाता हाई कोर्ट से परिजन
आदेश में अदालत ने हत्या के साल 1984 के एक मामले में समर और प्रदीप चौधरी को अलीपुर सत्र अदालत की तरफ से सुनाई गई पांच साल की सजा बरकरार रखी थी. जबकि इस मामले के आरोपियों प्रदीप का 1993 में और समर का 2010 में निधन हो चुका था.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से एक अजब-गजब मामला सामने आया है. कोलकाता हाई कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान दोषियों के परिजनों ने मांग की कि हाई कोर्ट यमराज से कहे कि दोषियों को सजा पूरी करने के लिए धरती पर भेजा जाए. इस मामले में हाई कोर्ट ने मृतक दोषियों की सज़ा बरकरार रखी थी.
यमराज के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए- परिजन
हाई कोर्ट में दोषियों के परिजनों ने कहा, ‘’मृत्यु के देवता यमराज को निर्देश दिया जाए कि वह दोनों दोषियों को धरती पर वापस भेजें ताकि वे अपनी सजा पूरी कर सकें.’’ इतना ही नहीं परिजनों ने अनुरोध किया है यदि यमराज इस आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.
साल 1984 का है मामला
आवेदकों ने मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन से अनुरोध किया है कि हाई कोर्ट के जून 2016 के आदेश को वापस लें. इस आदेश में अदालत ने हत्या के साल 1984 के एक मामले में समर और प्रदीप चौधरी को अलीपुर सत्र अदालत की तरफ से सुनाई गई पांच साल की सजा बरकरार रखी थी. जबकि इस मामले के आरोपियों प्रदीप का 1993 में और समर का 2010 में निधन हो चुका था.
16 जून, 2016 का आदेश यमराज को भेजें- परिजन
याचिका दायर करने वाले समर के पुत्र अशोक और प्रदीप की पत्नी रेणु ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह अपना 16 जून, 2016 का आदेश यमराज को भेजें. याचिका में कहा गया है कि अदालत यमराज को निर्देश दे कि वह दोषियों को धरती पर वापस लाए ताकि वे निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकें और कानून के तहत सुनायी गयी सजा पूरी कर सकें.
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