Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अश्विनी उपाध्याय ने ओवैसी को Twitter पर दी बहस की चुनौती, AIMIM चीफ ने कर दिया ब्लॉक
Uniform Civil Code: बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.

Uniform Civil Code: भारतीय जनता पार्टी के नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बहस के लिए ट्विटर पर आमंत्रित किया था. ओवैसी ने उनका निमंत्रण देखा तो उस पर रिप्लाई करने की बजाए उन्हें ही ब्लॉक कर दिया. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके पहले अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में 12वीं तक के छात्रों के लिए एक समान शिक्षा प्रणाली, मात्र भाषा में सामान्य पाठ्यक्रम लागू करने के लिए केंद्र से निर्देश की मांग करते हुए एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है. इस याचिका में स्कूलों और कोचिंग पर कई आरोप लगाए गए हैं.
बच्चों को नहीं मिल पा रहे शिक्षा के समान अवसर
याचिकाकर्ता का कहना है कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल), मध्यम आय समूह (एमआईजी), उच्च आय समूह (एचआईजी), अभिजात वर्ग के बीच समाज को विभाजित कर रही है, बल्कि 'समाजवाद धर्मनिरपेक्षता, बंधुत्व, एकता और राष्ट्र की अखंडता के खिलाफ भी है। उन्होंने कहा कि यह सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान नहीं करता है क्योंकि सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य बोर्ड का पाठ्यक्रम पूरी तरह से अलग है.
I invited Owaisi Saheb for debate on #UCC but he blocked me.
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) May 1, 2022
He don't want One to One Debate #UniformCivilCode @blsanthosh pic.twitter.com/0tbrjDkzuH
सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के लिए कई बार डाली हैं याचिकाएं
अश्विनी उपाध्याय बीजेपी के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. वह देश में सामाजिक, राजनीतिक सुधारों को लेकर अदालतो में कई याचिकाएं डाल चुके हैं. उनका कहना है कि देश में तुष्टीकरण की राजनीति संवैधानिक प्रावधानों पर भी हावी हो गई है जिससे कई मामलों में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. उपाध्याय ने समान शिक्षा का अधिकार से लेकर समान नागरिक संहिता लागू किए जाने तक के कई मुद्दों पर जनहित याचिका दायर की है. उनकी इन याचिकाओं में कई पर सुनवाई भी चल रही है.
वक्फ कानून को दी चुनौती दिल्ली हाईकोर्ट में डाली याचिका
बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर वक्फ कानून 1995 के प्रावधानों को चुनौती दी थी. उनकी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। उपाध्याय का तर्क है कि वक्फ कानून से अन्य धर्मों के साथ भेदभाव होता है. उन्होंने याचिका में इस कानून पर सवाल उठाए हैं. उपाध्याय ने कहा है कि देश की संसद को वक्फ संपत्ति के लिए वक्फ कानून 1995 बनाने का अधिकार ही नहीं है. संसद सातवीं अनुसूची की तीसरी सूची में दिए आइटम 10 और 28 के दायरे से बाहर जाकर ट्रस्ट, ट्रस्ट संपत्ति, धर्मार्थ और धार्मिक संस्थाओं और संस्थानों के लिए कोई नियम-कायदे तय नहीं कर सकती.
आपकी याचिकाओं के लिए अलग बेंच बनानी होगीः CJI एन वी रमना
नवंबर 2021 में एक मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एन वी रमना (CJI Ramana) ने अश्विनी उपाध्याय से लगातार कई विषयों पर जनहित याचिका दायर करने के बाद कहा था कि आपकी इतनी ज्यादा याचिकाएं हैं कि आपके लिए कोई अलग से बेंच बनानी पड़ेगी. सीजेआई एन वी रमना ने कहा था, "आपकी 18 याचिकाएं लंबित हैं. इस रफ्तार से तो आप और एम एल शर्मा के लिए हमें विशेष बेंच बनानी पड़ेगी." गौरतलब है कि वकील मनोहर लाल शर्मा भी लगातार पीआईएल दाखिल करते रहते हैं.
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