(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Assam News: बैठक के बाद बोले असम के मंत्री अतुल बोरा, 'अरूणाचल और असम के बीच जल्द ही सुलझेगा सीमा विवाद'
प्रशासनिक सहूलियत के लिए असम से नये राज्यों के गठन का सिलसिला 1962 के बाद शुरू हुआ था. तब सीमाओं का सही ढ़ंग से निर्धारण नहीं किया गया था. उनको लेकर राज्यों के बीच विवाद होता रहता है.
Assam News: अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच सीमा विवाद जल्द ही सुलझ जाने की उम्मीद है. अरुणाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम चाउना मीन और असम के मंत्री अतुल बोरा ने नामसाई में अरुणाचल प्रदेश-असम सीमा मुद्दे पर सोमवार को बैठक की.
इस बैठक के बाद असम के मंत्री अतुल बोरा ने मीडिया को बताया कि आज हमने सीमा क्षेत्र का दौरा किया और स्थानीय लोगों से मुलाकात की. नामसाई में हमने स्थानीय लोगों से बातचीत में हमने उनसे उनकी राय ली. उन्होंने बताया कि आज से हमारी क्षेत्रीय समितियां सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करेंगी और वो 15 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौप देंगे.
Today, we visited the border area and met the local people, we took their opinion on the Namsai declaration. From today onwards our regional committees will be visiting the border areas. We will submit the report before September 15: Assam Minister Atul Bora https://t.co/C1ssLIMivm pic.twitter.com/J2V8ywMtUJ
— ANI (@ANI) August 22, 2022
क्या है अरुणाचल और असम के बीच सीमा विवाद?
दरअसल इलाके में अलग राज्य के गठन के बाद सीमा का सही निर्धारण नहीं होना ही इस पूरे विवाद की जड़ है. प्रशासनिक सहूलियत के लिए असम से नये राज्यों के गठन का सिलसिला 1962 के बाद शुरू हुआ था. तब सीमाओं का सही ढ़ंग से निर्धारण नहीं किया गया था. उनको लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद होता रहता है.
असम की हिमंता बिस्वा की सरकार अपने सभी राज्यों के बीच सीमा विवाद का हल निकालने में जुटी हुई है. इसी को लेकर आज नामसाई में एक बैठक हुई. अरूणाचल प्रदेश के अलावा असम सरकार ने हाल मेघालय के साथ भी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए आपस में एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे.
मेघालय के साथ भी असम सुलझा रहा सीमा विवाद
मेघालय की ओर से ये क्षेत्र तीन जिलों में स्थित हैं. इस मुद्दे पर आगे बढ़ने के लिए दोनों राज्यों द्वारा एक-एक कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में तीन क्षेत्रीय समितियों का गठन किया जाएगा. गौरतलब है कि दोनों राज्यों ने अमित शाह की मौजूदगी में 29 मार्च को नई दिल्ली में पांच दशक पुराने सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.
हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि हम उम्मीद और प्रार्थना करते हैं कि पहले चरण की तरह दूसरा चरण भी सुचारू रूप से चलेगा और हम दोनों पक्षों के बीच किसी तरह का समाधान निकलेगा.
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