गुवाहाटी: असम शिवसागर से विधायक अखिल गोगोई को जेल से रिहा कर दिया गया है. एक विशेष एनआईए अदालत ने उन्हें और उनके तीन साथियों को दिसंबर 2019 में असम में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक आंदोलन में कथित भूमिका के लिए यूएपीए के तहत सभी आरोपों से बरी कर दिया है.
गोगोई और उनके साथी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत दो मामलों में आरोपी थे. निर्दलीय विधायक और उनके दो अन्य साथियों को पहले मामले में 22 जून को आरोपों से मुक्त कर दिया गया था.
एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रांजल दास ने चांदमारी मामले के संबंध में गोगोई और उनके तीन साथियों धिरज्या कुंवर, मानस कुंवर और बीटू सोनोवाल पर आरोप तय नहीं किए. इस मामले में उनपर माओवादियों से संबंध रखने का आरोप था.
एनआईए हिंसक प्रदर्शनों में गोगोई और उनके साथियों की कथित भूमिका से संबंधित दोनों मामलों की जांच कर रही थी. ये मामले पहले चांदमारी और चाबुआ पुलिस थानों में दर्ज किए गए थे. अदालत द्वारा जेल को रिहाई के आदेश जारी किए जाने के बाद गोगोई को रिहा कर दिया गया है. उनके तीन साथी पहले ही जमानत पर बाहर हैं.