असम: ब्रह्मपुत्र नदी में टक्कर के बाद डूबी नाव, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा आज नेमाटीघाट का करेंगे दौरा
मुख्यमंत्री खुद स्थिति का जायजा लेने के लिए आज नेमाटीघाट जाएंगे. दुर्घटना के संबंध में कथित लापरवाही के लिए आईडब्ल्यूटी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.
गुवाहाटी: असम के जोरहाट जिले में ब्रह्मपुत्र नदी में निमती घाट के पास बुधवार को एक बड़ी नौका एक नौका स्टीमर से टकराने के बाद डूब गई. इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि महिलाओं सहित लगभग 35 लोग अब भी लापता हैं. दुर्घटना का शिकार हुई नौका पर कुल 120 यात्री सवार थे लेकिन उनमें से कई को बचा लिया गया. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक महिला को बचाए जाने के बाद जोरहाट अस्पताल में उसकी मौत हो गई. NDRF, SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
असम के रहने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय जहाजरानी, बंदरगाह और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हादसे पर गहरा दुख जताया है. मोदी और शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात की. उन्होंने नाव हादसे का पूरा अपडेट लिया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने असम नाव हादसे पर दुख जताते हुए कहा, 'लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है, सभी के सुरक्षित होने की कामना.'
ऐसे हुआ हादसा
पुलिस के अनुसार, दुर्घटना उस समय हुई जब निजी नाव 'मा कमला' नेमाटीघाट से माजुली द्वीप में कमलाबाड़ी फेरी पॉइंट की ओर जा रही थी, जबकि राज्य अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) विभाग द्वारा संचालित फेरी 'त्रिपकई' नीमतीघाट की ओर जा रही थी. जोरहाट जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पुलिस और आपदा प्रबंधन कर्मियों ने नदी के किनारे से लगभग 350 मीटर की दूरी पर पलटी हुई नाव का पता लगाया.
एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया, "हमने नाव पर सवार लगभग 40 लोगों और जहाज पर नीचे के विभिन्न स्थानों से बचाया है. हालांकि, देर शाम तक करीब 35 लोग लापता हैं." उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश जारी है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के जवानों ने जहाज पर सवार लोगों को बचाया. नाव में सवार करीब 30 दुपहिया वाहन पानी के भीतर चले गए.
नाव दुर्घटना पर गहरा सदमा और चिंता व्यक्त करने वाले मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने माजुली और जोरहाट के प्रशासन को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से बचाव अभियान तेजी से चलाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री गुरुवार को नेमाटीघाट का दौरा करेंगे. उन्होंने बिजली मंत्री बिमल बोरा को भी स्थिति का जायजा लेने के लिए तुरंत घटना स्थल का दौरा करने का निर्देश दिया. उन्होंने अपने प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा को चौबीसों घंटे घटनाक्रम की निगरानी करने के लिए कहा.
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