CAA Protest and PM Modi Assam Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय असम दौरे से पहले गुरुवार (7 मार्च) को प्रदेश में आंदोलन शुरू हो गया. यह आंदोलन नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करने के केंद्र के कदम के खिलाफ है. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और 30 अन्य संगठनों के सदस्यों ने CAA के खिलाफ नारों के साथ पूरे असम में मोटरसाइकिल रैली के साथ इस आंदोलन को शुरू किया है.
एएएसयू के मुख्य सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "हमने CAA को स्वीकार नहीं किया है और न ही इसे कभी स्वीकार करेंगे. CAA लागू करने के केंद्र के कदम का विरोध करने के लिए छात्र संगठनों ने कई आंदोलनों की घोषणा की है.”
प्रदर्शनकारियों ने बताई ये वजह
असम में कई लोग CAA का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे पड़ोसी बांग्लादेश से बड़ी संख्या में हिंदू बंगालियों को नागरिकता मिलने से स्थानीय लोग अल्पसंख्यक हो जाएंगे. CAA में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से "उत्पीड़ित" गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.
एएएसयू और अन्य संगठनों ने मांग की है कि असम को CAA से छूट दी जानी चाहिए क्योंकि छह साल लंबे विदेशी विरोधी आंदोलन के बाद केंद्र ने 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. समझौते में 1971 के बाद के प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें निर्वासित करने का निर्णय लिया गया था, चाहे वे किसी भी धर्म के हों.
2019 में हुआ था उग्र प्रदर्शन
बता दें कि दिसंबर 2019 में संसद में CAA पारित होने के बाद असम में सबसे ज्यादा विरोध-प्रदर्शन हुआ था. राज्य में उग्र आंदोलन देखने को मिला था. पुलिस गोलीबारी में कम से कम पांच CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी. धीरे-धीरे यह हिंसक विरोध देश के कई हिस्सों में फैल गया था.
असम के CM ने प्रदर्शनकारियों से कही ये बात
कई संगठनों की ओर से फिर से आंदोलन की योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा कि उन्हें आंदोलन का सहारा लेने के बजाय सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए. CAA के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं.
पीएम 9 मार्च को जाएंगे काजीरंगा नेशनल पार्क
इस बीच, शुक्रवार (8 मार्च) और शनिवार को पीएम मोदी के दौरे के दौरान हिंसक विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पूरे असम में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मोदी शुक्रवार शाम असम पहुंचेंगे और अगले दिन काजीरंगा नेशनल पार्क का दौरा करेंगे. वह यहां अहोम राजवंश के प्रसिद्ध जनरल लाचित बोरफुकन की प्रतिमा का अनावरण करेंगे और असमिया क्षेत्रवाद के गढ़ पूर्वी असम के जोरहाट में एक रैली को भी संबोधित करेंगे.
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