Himanta Biswa Sarma on CAA Protest: सीएए कानून लागू होने के बाद शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने CAA को लेकर मंगलवार (12 मार्च) को बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले किसी व्यक्ति को नागरिकता मिल गई तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले किसी व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती है तो मैं इस्तीफा देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा. सरमा ने यह प्रतिक्रिया विपक्षी दलों के विरोध-प्रदर्शन के बाद दी है.


'पोर्टल का डेटा बताएगा सच'


असम के मुख्यमंत्री ने शिवसागर में आयोजि एक कार्यक्रम में कहा, “मैं असम का बेटा हूं और अगर एनआरसी के लिए आवेदन किए बिना किसी को भी नागरिकता मिलती है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.” सरमा ने कहा कि सीएए के बारे में कुछ भी नया नहीं है. यह पहले से लागू किया गया था. अब बस पोर्टल पर अप्लाई करने का समय आया है. पोर्टल का डेटा सब कुछ बोलेगा और यह साफ हो जाएगा कि अधिनियम का विरोध करने वालों के दावे तथ्यात्मक रूप से सही हैं या नहीं.


क्या है सीएए कानून?


सीएए कानून लागू होने के बाद केंद्र सरकार अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता देना शुरू करेगी. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं.


CAA लागू होते ही असम में विरोध तेज


केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार रात (11 मार्च) को CAA के लिए एक अधिसूचना जारी की. इसके बाद से देशभर में कई विपक्षी दलों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. सबसे ज्यादा विरोध असम में हो रहा है. यहां अखिल असम छात्र संघ (आसू) और 30 स्वदेशी संगठनों ने सोमवार को गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में सीएए कानून की प्रतियां जलाईं. इसके अलावा असम में 16 दलों के संयुक्त विपक्ष (यूओएफए) ने चरणबद्ध आंदोलन के तहत मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की.


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