Assam Child Marriage: असम सरकार लगातार 'बाल विवाह' के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. असम सरकार का साफ मानना है कि बाल विवाह कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश पर अब तक 4,036 लोगों पर केस दर्ज किया जा चुका है. वहीं, असम पुलिस ने 2,442 लोगों को गिरफ्तार किया है.
हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के बाद केस
दरअसल, हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत ज्यादा है. इसके लिए बाल विवाह को जिम्मेदार ठहराया जाता है. इसके बाद से ही असम सरकार ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. इस आदेश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस लगातार लोगों पर मामले दर्ज कर रही है. इसमें से धुबरी जिले में सबसे ज्यादा 382 लोगों पर केस दर्ज हुए हैं. होजई में 255 व उदालगुड़ी 205 तथा मोरीगांव में 141 मामले दर्ज किए गए हैं.
3 फरवरी गिरफ्तारी और कार्रवाई
मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा था कि 3 फरवरी, 2023 से गिरफ्तारी और कार्रवाई शुरू होगी. राज्य में इसके बाद से ही कार्रवाई शुरू हो गई है. अब तक 2,442 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यह एक बड़ी कार्रवाई साबित होने जा रही है, जिसमें पिछले सात सालों में बाल विवाह में शामिल सभी लोगों पर मामला दर्ज किया गया. सीएम ने एक बयान में कहा था कि हमारा मुख्य टारगेट मुल्ला, काजी या पुजारी होंगे जो इन विवाहों को बढ़ावा देते हैं.
सीएम सरमा ने 23 जनवरी को ऐलान करते हुए कहा था कि असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करेगी. इसमें 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. वहीं, 14-18 साल की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज होगा.
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