Child Marriage: असम में बाल विवाह (Assam Child Marriage) को लेकर हो रही गिरफ्तारी के बीच एक महिला ने शनिवार (4 फरवरी) को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, पीड़िता को डर था कि उसके पिता भी अरेस्ट हो जाएंगे क्योंकि उन्होंने उसकी शादी नाबलिग रहने के दौरान की थी.
एनडीटीवी ने साथ ही अपनी रिपोर्ट में बताया कि एक और महिला ने पुलिस स्टेशन जाकर धमकी दी है कि उनके पिता और पति को नहीं छोड़ा गया तो वो भी खुदकुशी कर लेगी. इन सबके बीच धुबरी जिले के तमरहाट में कई महिलाओं ने पुलिस स्टेशन का घेराव किया और साथ में हाईवे भी जाम कर किया. विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं की मांग है कि बाल विवाह के आरोप में गिरफ्तार उनके पति को छोड़ा जाए.
क्या मामला है?
असम पुलिस पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने बताया कि बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम के तहत शुक्रवार (3 फरवरी) को 2 हजार लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों में ऐसे विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी भी शामिल हैं. पुलिस ने कहा कि उनके पास 8,000 आरोपियों की सूची है और यह अभियान जारी रहेगा.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा क्या बोले?
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य भर में शुक्रवार सुबह से शुरू हुई गिरफ्तारी अगले तीन से चार दिन तक जारी रहेगी. राज्य मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. बता दें कि इस ऐलान के बाद पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं.
पॉक्सो एक्ट के तहत होगा केस
हाल में फैसला किया कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (POCSO) कानून के तहत केस दर्ज किया जाएगा और 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर मैरिज को अवैध घोषित किया जाएगा. अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता.
यह भी पढ़ें- Assam Child Marriage: असदुद्दीन ओवैसी का असम सरकार पर बड़ा हमला, पूछा- शादीशुदा लड़कियों का क्या होगा?