Assam Meghalaya Dispute: 'सीमा विवाद नहीं बल्कि ग्रामीणों और फॉरेस्ट गार्ड के बीच झड़प थी', असम के सीएम का दावा
Border Violence: असम और मेघालय के बीच सीमा को लेकर विवाद क़रीब 50 सालों से है. कई बार इसे सुलझाने का प्रयास किया गया लेकिन बॉर्डर पर हिंसा की ख़बरें आती रहती हैं.
Border Dispute: असम और मेघालय सीमा पर हुई हिंसक विवाद को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्वा सरमा ने कहा कि यह कोई सीमा विवाद नहीं है बल्कि ग्रामीणों और फॉरेस्ट गार्ड के बीच हुई झड़प है. हमने सीबीआई और एनआईए को जांच के लिए लिखा है और इस पर इंक्वायरी भी बैठा दी गई है.
बुधवार को असम सरकार द्वारा आयोजित वीर लाचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिमन्त बिस्वा सरमा पहुंचे. जहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समारोह का उद्घाटन किया. गौरतलब है कि असम और मेघालय के बॉर्डर पर मंगलवार की सुबह हिंसा हुई. जहां फायरिंग में छह लोगों की मौत हो गई. जिसपर असम सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.
करीब 50 सालों से है विवाद
बता दें कि असम-मेघालय सीमा को लेकर विवाद क़रीब 50 सालों से है. कई बार इसे सुलझाने का प्रयास किया गया लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इस साल की शुरुआत में दोनों राज्यों के CM हिमंत बिस्वा सरमा और कॉनराड कोंगकल संगमा ने दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. इसके बाद 12 सबसे ज्यादा विवादित क्षेत्रों में से 6 की राज्य सीमा निर्धारित हो गई. MoU साइन होते वक्त गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.
VVIP गेस्ट हाउस है विवाद की जड़
असम और मेघालय के बीच सीमा को लेकर विवाद मेघालय के बनने के बाद शुरू हो गया था. दरअसल, असम सरकार का एक गेस्ट हाउस जिसे पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई इस्तेमाल कर रहे थे. जहां यह गेस्ट हाउस बना था उस जमीन पर मेघालय दावा करता रहा. यह गेस्ट हाउस खानापारा-पिलंगकाटा ब्लॉक में एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है.