'लोग जेल से अंदर जाते हैं और...', हेमंत सोरेन की जमानत पर हिमंत बिसवा सरमा का तंज
Himanta Biswa Sarma In Ranchi: रांची पहुंचे असम सीएम हिमंत बिसवा सरमा ने कहा कि झारखंड में एक मंत्री के घर से 35 करोड़ रुपए बरामद होते हैं, क्या उसके बाद भी आपको भ्रष्टाचार का सबूत देना पड़ेगा.
Himanta Biswa Sarma: असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा रांची पहुंचे हुए हैं. झारखंड में भ्रष्टाचार को लेकर असम सीएम का कहना है कि लोग जेल से अंदर जाते हैं और बाहर भी होते हैं और फिर अंदर भी जाते हैं. अब कौन अंदर जा रहा और कौन बाहर आ रहा है. आप ही बताइए कि उनका अकाउंट हम कैसे रख सकते हैं? इसके लिए तो कोर्ट है न…
असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, यदि हम रोज जेल के सामने बैठ कर हर दिन अकाउंट निकालना शुरू कर दिया और ये देखने लगे कि कौन जेल गया कौन बाहर आया तो ये समाज कैसे चलेगा.
आम लोगों से पूछा जाए कि करप्शन है या नहीं
असम सीएम से जब झारखंड में करप्शन के आरोपों को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि झारखंड में एक मंत्री के घर से 35 करोड़ रुपए बरामद होते हैं, क्या उसके बाद भी आपको भ्रष्टाचार का सबूत देना पड़ेगा. झारखंड में भ्रष्टाचार है या नहीं ये को आम लोगों से ही पूछ लीजिए.
#WATCH रांची: असम CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "लोग जेल से अंदर जाते हैं और बाहर भी होते हैं और फिर अंदर भी जाते हैं। इसका अकाउंट हम कैसे रख सकते हैं? इसके लिए कोर्ट है...झारखंड में एक मंत्री के घर से 35 करोड़ रुपए बरामद होते हैं उसके बाद भी आपको भ्रष्टाचार का सबूत देना पड़ेगा।… pic.twitter.com/HPYfdXHnXy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2024
रांची में ईडी ने की थी छापामारी
35 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार मामले के पीछे की कहानी यह है कि कुछ दिनों पहले रांची में कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की थी. झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के प्राइवेट सेक्रेटरी संजीव लाल के नौकर के घर से प्रवर्तन निदेशालय ने भारी नकदी की बरामद की थी. ईडी ने इस मामले में 6 स्थानों पर दबिश देते हुए कुल 35 करोड़ 23 लाख रुपए नकदी जब्त की थी.
झारखंड सरकार को लिखा था पत्र
बात साल 2023 के फरवरी माह की है, जब ईडी ने कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड ग्रामीण विकास के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के राम को अरेस्ट किया था. ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भी लिखा था और इस भ्रष्टाचार के मामले में रिपोर्ट दर्ज करने को कहा था, लेकिन इन पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई. उल्टा भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के साथ इन पत्रों को भी साझा किया गया था. ईडी ने जब नगदी बरामद की तो उन्हें उनके ही द्वारा भेजा गया खुद का पत्र भी मिला, जो उन्होंने राज्य सरकार को लिखा था.
यहां से शुरू हुआ था मामला
बता दें कि ईडी 10 हजार की रिश्वत लेने के मामले में जांच कर रही थी और इस दौरान उसे कुछ ऐसी चीज मिली जो झारखंड के मंत्री को शक की घेरे में ले रही थी. ईडी को इस बात की सूचना मिली थी की झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के मंत्रालय में भ्रष्टाचार चल रहा है और वह पैसा उनके नौकरों के घर पर जा रहा है. बस फिर क्या था ईडी ने कार्रवाई करते हुए आलमगीर के सचिव के नौकर के घर में छापामारी की. छापामारी के बाद जो कैश बरामद हुआ उसे देखकर खुद ईडी भी हैरान रह गई थी.