Aadhaar Card: NRC नंबर नहीं दिया तो अब नहीं बनेगा आधार कार्ड- इस BJP शासित राज्य के CM का बड़ा ऐलान
Aadhar Card: मामला नॉर्थ ईस्ट के असम का है. वहां फिलहाल बीजेपी की सरकार है. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में बढ़ती अवैध विदेशी आबादी को देखते हुए बड़ा फैसला किया है.
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Aadhar Card: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार (सात सितंबर, 2024) को बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने साफ किया कि आधार कार्ड बनाने को लेकर उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार और भी सख्त हो गई है. अब आधार कार्ड बनवाने के लिए आवेदकों को एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) जमा करना होगा. असम सीएम के मुताबिक, इसके लिए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी और इसे एक अक्टूबर, 2024 से लागू किया जाएगा.
असम सीएम के अनुसार, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी की आवेदन रसीद नंबर जमा करने से अवैध विदेशियों की आमद रुकेगी और राज्य सरकार आधार कार्ड जारी करने में बहुत सख्त होगी. आधार कार्ड के लिए आए आवेदन जनसंख्या से बहुत अधिक हैं, जो दर्शाता है कि राज्य में संदिग्ध नागरिक हैं. यही कारण है कि असम सरकार ने आधार कार्ड के लिए एनआरसी आवेदन रसीद नंबर जमा करना होगा.
असम के कुछ विशेष ज़िलों में जनसंख्या से अधिक लोगों ने आधार कार्ड का आवेदन किया। इसीलिए हम उन्हें आधार कार्ड देंगे जिसके पास NRC नंबर हो, ताकि घुसपैठियों को नागरिकता ना मिले। #Clause6Implementation pic.twitter.com/Qp8urA7oR8
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 7, 2024
आसान नहीं होगा आधार कार्ड बनवाना!
हिमंत बिस्वा सरमा के मुताबिक, असम में आधार कार्ड हासिल करना अब आसान नहीं होगा. उम्मीद है कि अन्य राज्य भी आधार कार्ड जारी करने के लिए सख्त होंगे. एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) जमा करना उन 9.55 लाख लोगों पर लागू नहीं होगा, जिनके बायोमेट्रिक्स एनआरसी प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिए गए थे, उन्हें उनके कार्ड मिल जाएंगे. ये प्रक्रिया चाय के बागान वाले इलाकों में भी लागू नहीं होंगे क्योंकि वहां लोगों को पर्याप्त बायोमेट्रिक मशीनों की अनुपलब्धता जैसी कुछ कठिनाइयों के कारण आधार कार्ड नहीं मिले हैं.
एनआरसी आवेदन रसीद नंबर जमा करने के बाद ही जारी होगा आधार कार्ड
असम सीएम ने बताया कि राज्य के चार ऐसे जिले हैं, जहां से अनुमानित आबादी से ज्यादा आधार कार्ड के लिए आवेदन आए हैं. इन चार जिलों में बारपेटा में 103.74 फीसदी, धुबरी में 103 फीसदी, मोरीगांव और नागांव दोनों में 101 फीसदी आवेदन हैं. केंद्र ने राज्य सरकारों को ये अधिकार दिया है कि किसी भी व्यक्ति को आधार कार्ड जारी किया जा सकता है या नहीं. ऐसे में असम सरकार का फैसला है कि नए आवेदकों को आधार कार्ड तभी जारी किए जाएंगे, जब संबंधित जिला आयुक्त द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इन प्रमाण पत्रों को भी बारीकी से जांचा जाएगा. अगर आवेदक के पास एनआरसी एआरएन है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि वह 2014 से पहले राज्य में था.
अवैध विदेशियों को पकड़ने की प्रक्रिया तेज
हिमंत बिस्वा सरमा बोले कि अवैध विदेशियों की पहचान की प्रक्रिया को तेज कर दी गई है, क्योंकि पिछले महीने दो बांग्लादेशियों को पकड़ा गया था और उनको वापस सौंप दिया गया है. यहीं नहीं, सीमावर्ती इलाकों पर निगरानी को भी तेज किया गया है. राज्य में नए और अज्ञात व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए गांव या क्षेत्र स्तर के सरकारी अधिकारियों को सक्रिय किया जाएगा. किसी भी संदिग्ध को पकड़ा जाता है और उसके पास से आधार, पैन, वोटर आईडी या पासपोर्ट मिलता है तो उसका बायोमेट्रिक लिया जाएगा, जिससे भविष्य में ऐसी प्रतिक्रिया करने पर उसे पकड़ा जा सके.
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