Assam CM Himanta Biswa Sarma Exclusive: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा राष्ट्रीय राजनीति में लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. चाहे वह मदरसों में बुलडोजर चलाना हो, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से जुबानी जंग करनी हो, झारखंड की राजनीति से लेकर कन्याकुमारी तक हर जगह उनका किसी न किसी तरह नाम आ रहा है.
बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व सरमा पर इन दिनों अपनी पार्टी के अन्य नेताओं से भी ज्यादा भरोसा दिखा रहा है. वह राष्ट्रीय स्तर पर बड़े नेता के तौर पर तो उभर ही रहे हैं और पूर्वोत्तर भारत में हिंदुत्व का पोस्टर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में एबीपी न्यूज ने असम के मुख्यमंत्री से बात की...
हिंदुत्व के मुद्दे पर क्या बोले सरमा?
असम के सीएम ने कहा कि बीजेपी का चेहरा सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी हैं. बीजेपी की विचारधारा सिर्फ भारत का निर्माण है. हिंदू हमारा डीएनए है. मैं मुसलमान के हित का मुद्दा ज्यादा उठाता हूं.
मदरसा गिराने पर क्या बोले सीएम सरमा?
हिमंत सरमा ने कहा कि मैंने जो मदरसे तोड़े हैं वो मदरसे नहीं है बल्कि वो अलकायदा के दफ्तर थे. वहां पढ़ रहे बच्चों को सरकार ने सामान्य स्कूलों में दाखिला दिला दिया है. मै मुसलमानें के हित की ही बात करता हूं. मै चाहता हूं कि वो बच्चे डॉक्टर इंजीनियर बने. अलकायदा के ऑफिस को मदरसा नहीं बोलिए. इससे मदरसे का अपमान होता है.
क्या मुसलमानों के पैरोकार हैं सरमा?
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मैं भारत का पैरोकार हूं. ओवैसी मुसलमानों का कट्टर बनाने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने उन इमामों पर ही कार्रवाई की है जिनके लिंक अलकायदा से हैं.
केजरीवाल के शिक्षा मॉडल पर क्या बोले सरमा?
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक म्युनिसिपेलिटी के मेयर जैसे हैं और मैं एक राज्य का सीएम हूं. केजरीवाल मोहल्ला क्लीनिक बना रहे हैं और मोदी जी एम्स बना रहे हैं. दोनों नेताओं के बीच यही अंतर है.
मोदी विरोधियों पर ही क्यों होता है केंद्रीय एजेंसियों का एक्शन?
असम के सीएम ने कहा कि अगर किसी को सीबीआई और ईडी बुलाती है तो उनको जाने में क्यों डर लग रहा है. मुझको कोई भी कहीं बुला ले मुझको बिल्कुल भी डर नहीं लगता है. उनको वहां जाना चाहिए और देखना चाहिए कि सीबीआई और ईडी कैसे काम करती हैं. बीजेपी राज्यों में भ्रष्टाचार नहीं होते हैं. मोदी जी के सानिध्य में आने के बाद रत्नाकर, वाल्मीकि बन जाते हैं.
कांग्रेस क्यों छोड़ी?
हिमंत ने कहा कि कांग्रेस में गांधी परिवार की जय बोलनी पड़ती है और बीजेपी में भारत माता की जय बोलता हूं. कोई कब तक किसी परिवार की जय बोल सकता है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी किसी को सम्मान नहीं देते हैं. तो ऐसे माहौल में काम करना संभव नहीं था. राहुल की मानसिकता सामंतवादी है.