Assam Child Marriage: असम में बाल विवाह को लेकर जारी है एक्शन, अब तक दो हजार से अधिक लोग गिरफ्तार
Assam Child Marriage: असम सरकार बाल विवाह कानून का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है. इसके तहत अब तक 2000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
Assam Gov Campaign Against Child Marriage: असम में बाल विवाह पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. पुलिस ने शुक्रवार (3 फरवरी) को अवैध करार दी गई इस तरह की शादियां करवाने वाले हिंदू और मुस्लिम पुजारियों सहित 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया. असम पुलिस के मुताबिक उनके पास इस मामले में पास 8,000 आरोपियों की सूची है. राज्य में आगे भी ये अभियान जारी रहेगा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सरकार के इस कदम का वहां विभिन्न जिलों में महिलाएं खासा विरोध कर रही है.
असम कैबिनेट ने लिया फैसला
असम की कैबिनेट ने हाल ही में फैसला किया है कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने वालों पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) Act के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. 14-18 साल की आयु वर्ग की लड़कियों की शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 (Prohibition of Child Marriage Act, 2006) के तहत खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.
उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध करार दिया जाएगा. अगर दूल्हा भी 14 साल से कम उम्र का है तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा. पीटीआई के मुताबिक, अभी तक गिरफ्तार किए लोगों में से कितने नाबालिग थे. खबर लिखे जाने तक इस बारे में जानकारी नहीं हो पाई थी.
पुलिस ने एक पखवाड़े से भी कम समय में बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए थे, क्योंकि राज्य कैबिनेट ने 23 जनवरी को अपराधियों को गिरफ्तार करने का फैसला किया था, इसके अलावा इस खतरे के खिलाफ बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया था.सूबे के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि उन्होंने पुलिस को 'महिलाओं पर अक्षम्य और जघन्य अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की भावना' के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
दरअसल राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर की उच्च दर है, बाल विवाह इसकी सबसे अहम वजह में गिनी जाती है क्योंकि राज्य में रजिस्टर्ड मैरिज में औसतन 31 फीसदी शादी के लिए प्रतिबंधित उम्र में रजिस्टर्ड हैं.
अभियान अगले 3 से 4 दिनों तक चलेगा
पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह (Director General of Police G P Singh) ने कहा, “हमारे पास 8,000 नामित अभियुक्तों की लिस्ट है और अब तक हमने केवल 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया है. बाल विवाह के खिलाफ अभियान अगले 3 से 4 दिनों तक जारी रहेगा और सभी डेटा हासिल करने के बाद जिलेवार सही विश्लेषण किया जा सकता है.“ शुक्रवार शाम तक, बिश्वनाथ जिले में सबसे अधिक 137 गिरफ्तारियां की गई हैं, इसके बाद धुबरी में 126, बक्सा में 120, बारपेटा में 114 और कोकराझार में 96 गिरफ्तारियां हुई हैं.
डीजीपी ने कहा कि अपने कम उम्र के बच्चों की शादी करने वाले परिवारों के सदस्यों के अलावा, पुलिस ने 51 'पुरोहितों' और 'काजियों' को गिरफ्तार किया, जिन्होंने धार्मिक संस्थानों में इस तरह की शादी की रस्में निभाईं. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारियां परिवार के सदस्यों, बाल कल्याण समिति, स्थानीय लोगों और पुलिस कर्मियों से मिली जानकारी के सत्यापन के बाद की गई हैं. सिंह ने कहा, "हम कानून के अनुसार काम करेंगे, उचित जांच करेंगे और चार्जशीट दाखिल करेंगे."
महिलाएं हैं विरोध में
इस बीच राज्य में महिलाएं अपने पति और बेटों की गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में सामने आईं. पीटीआई के मुताबिक माजुली जिले के 55 वर्षीय निरोदा डोले ने कहा, “केवल पुरुषों को ही क्यों लिया जाए? हम और हमारे बच्चे कैसे जिंदा रहेंगे? हमारे पास आमदनी का कोई साधन नहीं है.”
दरअसल मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 28 जनवरी को कहा था, “अगले 5-6 महीनों में हजारों पतियों को गिरफ्तार किया जाएगा क्योंकि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है, भले ही वह कानूनी तौर से विवाहित पति ही क्यों न हो. कई (लड़कियों से शादी करने वाले पुरुष) को आजीवन कारावास हो सकती है.”