Assam Govt Order: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार (7 सितंबर) को घोषणा की कि राज्य में आधार कार्ड के लिए सभी नए आवेदकों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) आवेदन रसीद संख्या (एआरएन) जमा करनी होगी. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड के लिए आवेदनों की संख्या जनसंख्या से ज्यादा है. इससे पता चलता है कि संदिग्ध नागरिक हैं. ऐसे में हमने तय किया है कि नए आवेदकों को अपना एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) जमा करना होगा.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार (7 सितंबर) को कहा कि इससे ‘‘अवैध विदेशियों का आगमन रुकेगा’’ और राज्य सरकार आधार कार्ड जारी करने में ‘‘बहुत सख्ती’’ बरतेगी. सरमा ने कहा कि असम में आधार बनवाना आसान नहीं होगा. 


अवैध विदेशियों की पहचान की प्रक्रिया होगी तेज- CM हिमंत


सीएम हिमंत ने कहा कि एनआरसी आवेदन रसीद संख्या जमा करना उन 9.55 लाख लोगों के लिए लागू नहीं होगा, जिनके बायोमेट्रिक्स राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिए गए थे और उन्हें उनके कार्ड मिल जाएंगे. सरमा ने कहा कि उनकी सरकार अवैध विदेशियों की पहचान की प्रक्रिया तेज करेगी, क्योंकि पिछले दो महीनों में कई बांग्लादेशियों को पकड़ा गया और उन्हें पड़ोसी देश के अधिकारियों को सौंपा गया है.


'हिंदू बहुसंख्यक क्षेत्र में मुसलमानों की संख्या कैसे बढ़ रही?'


असम के मुख्यमंत्री ने पहले भी राज्य में 'जनसांख्यिकी परिवर्तन' का मुद्दा उठाया था. जहां बीते 28 अगस्त को सरमा ने इस मुद्दे पर एक श्वेत पत्र जारी करने का वादा किया था. सरमा ने कहा कि हिंदू बहुसंख्यक क्षेत्र में मुसलमानों की संख्या कैसे बढ़ रही है, इस पर एक व्यापक श्वेत पत्र जारी करेंगे. सांप्रदायिक हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं है और दोनों समुदाय शांतिपूर्वक रह रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ़ विपरीत स्थिति हो रही है.


'मियां मुसलमानों को असम पर नहीं करने देंगे कब्जा'  

हाल ही में, सीएम ने कहा था कि वह 'मियां' मुसलमानों को राज्य पर कब्जा नहीं करने देंगे. उन्होंने कहा था कि निचले असम के लोग ऊपरी असम क्यों जाएंगे? ताकि मियां मुसलमान असम पर कब्जा कर सकें? हम ऐसा नहीं होने देंगे.


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