Assam CM Sarma Slams Arvind Kejriwal: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) के बीच पिछले कुछ दिनों से जंग जारी है. दोनों मुख्यमंत्री ट्विटर के जरिए एक-दूसरे पर तीखा पहला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. सीएम बिस्वा सरमा ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल पर दूसरे राज्यों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए उन्हें देश में क्षेत्रीय असमानता को समाप्त करने के लिए पांच राष्ट्रीय राजधानियों (National Capitals) को बनाने का प्रस्ताव रखा. 


असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को केजरीवाल पर अपना तीखा हमला जारी रखते हुए एक के बाद एक तीन ट्विट किए. उन्होंने अपने ट्विट में लिखा, जो अब तक दूसरे राज्यों का मज़ाक उड़ाते हैं, मेरा विचार है कि हमें असमानता की बीमारी को ठीक करने पर काम करना चाहिए, न कि गरीब राज्यों का मज़ाक उड़ाना. क्या हम भारत की 5 राजधानियां हैं, हर क्षेत्र में एक?" 






सीएम सरमा ने केजरीवाल पर कसा तंज


सीएम बिस्वा सरमा ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर अपना हमला जारी रखते हुए हुए एक अन्य ट्विट में लिखा कि यह सुनिश्चित करेगा, दिल्ली जैसी सरकारों के पास अपने निपटान में उत्तर पूर्व और पूर्व से राज्यों के पास बड़ी संपत्ति नहीं है और निश्चित रूप से हम अपने पीएम नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार में क्या कर रहे हैं. जो कि पिछले 75 वर्षों में अनसुना था.


उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर की "मुख्यधारा" की प्रक्रिया 2014 में शुरू हुई थी और तब से यह क्षेत्र निरंतर गति से आगे बढ़ रहा है. सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने अपने एक अन्य ट्विट के जरिए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए लिखा कि आखिरकार, सात दशकों के इनकार और लापरवाही के बाद, प्रधानमंत्री द्वारा 2014 में उत्तर पूर्व की मुख्यधारा की प्रक्रिया शुरू हुई, और प्रगति की गति अविश्वसनीय है. उत्तर पूर्व को सहानुभूति और उपहास की आवश्यकता नहीं है, हमें वह चाहिए जो हमारे कारण है -सम्मान, संसाधन और उत्थान.


ऐसे हुई थी दोनों के बीच ट्विटर वार की शुरुआत
 
बता दें कि सीएम सरमा और अवरिंद केजरीवाल के बीच पिछले हफ्ते से एक ट्विटर युद्ध छिड़ा हुआ है. जिसकी शुरुआत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान से हुई थी जिसमें उन्होंने असम सरकार के स्कूलों को एकीकृत करने के फैसले की आलोचना की थी, जिससे की कई शैक्षणिक संस्थान बंद हो जाएंगे.


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