Himanta Biswa Sarma: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने राम मंदिर उद्घाटन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कार्यक्रम बता दिया है. इसे लेकर असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर हमला बोला है. सरमा ने कहा है कि कांग्रेस ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होकर इसे खुद ही राजनीतिक कार्यक्रम बनाने का काम किया है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होने वाला है.  


राजधानी दिसपुर में असम सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल के बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'अगर राहुल गांधी वहां गए होते तो इसे कोई राजनीतिक रंग नहीं मिलता. हमने आपको इस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका दिया, ताकि ये अराजनीतिक समारोह बना रहे.' उन्होंने कहा, 'मगर आपने (राहुल गांधी) और आपके करीबी सहयोगियों ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार किया. इसकी वजह से अब ये एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है, जो अब तक नहीं था.'


कांग्रेस कार्यक्रम का कर रही राजनीतिकरण: हिमंत बिस्वा सरमा


गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए सीएम हिमंता ने कहा, 'राहुल और सोनिया गांधी अपने एंटी-हिंदू धारणा की वजह से कार्यक्रम को राजनीतिक बना रहे हैं. सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही इस कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर रही है, जबकि इसे भारतीय सभ्यता की जीत के तौर पर देखा जा रहा है. हर कोई जाएगा, रामलला के दर्शन करेगा और लौट आएगा. मुझे नहीं लगता है कि कोई भी राजनीतिक बयानबाजी या फिर एंटी-कांग्रेस भाषण देगा. लोगों के लिए ये भारतीय सभ्यता की जीत है.'


राहुल गांधी ने क्या कहा था? 


दरअसल, नागालैंड की राजधानी कोहिमा में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. यहां राहुल से प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सवाल हुआ, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी के समारोह को पूरी तरह से राजनीतिक नरेंद्र मोदी समारोह बना दिया है. यह आरएसएस-बीजेपी का कार्यक्रम है और मुझे लगता है कि इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस समारोह में नहीं जाएंगे. हम सभी धर्मों, सभी प्रथाओं का सम्मान करते हैं.'


कांग्रेस पार्टी को मिला प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण


कांग्रेस पार्टी को अयोध्या में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया गया. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण दिया गया था. हालांकि, कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया. पार्टी का कहना है कि चुनाव से पहले अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा इसलिए की जा रही है, ताकि 2024 में इसका चुनावी फायदा लिया जा सके. 


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