CM Himanta Biswa Sarma On Child Marriage: असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ अभियान को लेकर बेहद संजीदा है. इसके तहत वहां लगातार कार्रवाई की जा रही है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (13 फरवरी) ट्वीट कर कहा, "असम में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 3,015 गिरफ्तारियां की गई हैं." दरअसल वहां बाल विवाह कराने वाले हिंदू और मुस्लिम पुजारियों की गिरफ्तारियां की जा रही है और सूबे में आगे भी ये अभियान जारी रहेगा. असम पुलिस के पास इस मामले में  8,000 आरोपियों की लिस्ट है. 


'लोग खुद आगे आ रहे हैं'


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (13 फरवरी) ट्वीट कर कहा, "बाल विवाह के खिलाफ हमारी कार्रवाई दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर चुकी है और अब तक 3,015 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. सकारात्मक पक्ष यह है कि अब लोग बाहर निकल रहे हैं और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं." दरअसल असम सरकार ने 3 फरवरी को ही बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए अवैध करार दी गई शादियां करवाने वाले हिंदू और मुस्लिम पुजारियों सहित 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया था.






असम कैबिनेट का है फैसला


असम में बाल विवाह के खिलाफ ये कार्रवाई वहां कैबिनेट के फैसले के बाद हो रही है. हाल ही में वहां की कैबिनेट ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने वालों पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) Act के तहत मामले दर्ज करने का फैसला लिया था.


इसके तहत 14-18 साल की लड़कियों की मैरिज करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 (Prohibition Of Child Marriage Act, 2006) के तहत खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है. इसके तहत बाल बाल विवाह निषेध अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है और इस तरह की शादी को अवैध करार दिया गया है. गिरफ्तार शख्स अगर 14 साल से कम उम्र का है तो उसे सुधार गृह भेजा जा रहा है. इस बीच सूबे की  महिलाएं अपने पति और बेटों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं. 


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