Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि उन्हें मुस्लिमों का वोट अभी नहीं चाहिए, क्योंकि हमारा संबंध इससे ऊपर है. बीजेपी नेता सरमा ने कहा, '' असम में मुस्लिम और हिंदू शांति से रह रहे हैं. कांग्रेस की सरकार के दौरान जब मैं मंत्री था तो हर चार से पांच साल में सांप्रदायिक संघर्ष गलत नीति के कारण होता था, लेकिन 2014 के बाद से असम में पूरी तरह से शांति है.
उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ''जनजातीय विद्रोही संगठन एक-एक करके मेनस्ट्रीम में आ रहे हैं. राज्य में हिंदू और मुस्लिम शांति से रह रहे हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जब मैं दिल्ली में बोलता हूं कि मदरसा बंद करो, इसका मतलब है कि मुस्लिम बेटा-बेटी को डॉक्टर बनना है. हमारे राज्य की 1200 मेडिकल सीट में से 380 सीटों पर मुस्लिम लड़के और लड़की हैं.''
हिमंत बिस्वा सरमा क्या बोले?
सवाल किया गया कि क्या ऐसे में असम से बीजेपी को सबसे ज्यादा मुस्लिमों को वोट मिलने वाले हैं? इस पर हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ''अभी हमें मुस्लिमों का वोट खासकर बंगाली मुस्लिमों का वोट नहीं चाहिए है. सारी परेशानी की जड़ वोट ही है. कांग्रेस को वोट चाहिए था. इस कारण उन्होंने रोड, स्कूल, कॉलेज नहीं बनाए. साथ ही बिजली और घर नहीं दिया.''
मुस्लिम लड़कियां स्कूल और कॉलेज जाएं
उन्होंने कहा, ''मेरा प्रिंसिपल (सिद्धांत) है कि मुझे आपका वोट नहीं चाहिए है. मुझे अगले दस साल आपके एरिया (मुस्लिम बहुल क्षेत्र) में विकास करना है. बाल विवाह खत्म करना है. मुझे सुनिश्चित करना है कि मुस्लिम लड़कियां स्कूल और कॉलेज जाए. अगले 10 से 15 साल ये काम करना है. इसके बाद मैं जाकर वोट मागूंगा. अभी वोट मांगने जाऊंगा तो लेना-देना हो जाएगा.''
सरमा ने बताया कि उन्होंने 2020 के चुनाव में भी स्टैंड लिया था कि आचार संहिता लागू होने पर उनके एरिया (मुस्लिम बहुल एरिया) में नहीं जाऊंगा. चुनाव जीतने के बाद आएंगे. इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले भी ये ही कह रहा हूं.
कांग्रेस पर क्या कहा?
एरिया में (मुस्लिम एरिया) प्रचार के लिए जाने के सवाल पर सरमा ने कहा, ''चुनाव जीतने के बाद जाएंगे. उन्हें पता लग जाने दीजिए कि कांग्रेस और उनका (मुस्लिमों) संबंध वोट का है. वहीं बीजेपी और मेरा संबंध वोट से ऊपर है. मैं हर महीने किसी ना किसी मुस्लिम एरिया में जाता हूं, लेकिन यहां राजनीति और वोट की बात नहीं करता.''