Himanta Biswa Sarma News: कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) के बीच ट्विटर (अब एक्स) वॉर छिड़ गया है. गुरुवार (14 सितंबर) को हिमंत बिस्व सरमा ने यहां तक कह दिया कि अगर उनकी पत्नी पर लगे आरोप साबित हुए तो वे सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे.
कांग्रेस ने बुधवार (13 सितंबर) को आरोप लगाया था कि एक मीडिया और मनोरंजन कंपनी, जिसके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी जुड़ी हुई हैं, को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय से एक विशेष केंद्रीय योजना के तहत कर्ज से जुड़ी सब्सिडी के तौर पर 10 करोड़ रुपये मिले. बीजेपी नेता ने हालांकि इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
गौरव गोगोई ने सीएम सरमा को घेरा
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता और असम से ताल्लुक रखने वाले सांसद गौरव गोगोई ने एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया, "भारत के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने किसान संपदा योजना की शुरुआत की, लेकिन असम के मुख्यमंत्री ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अपनी पत्नी की कंपनी को कर्ज से जुड़ी सब्सिडी के हिस्से के रूप में 10 करोड़ रुपये दिलाने में मदद की." उन्होंने सवाल किया, "क्या केंद्र सरकार की योजनाएं बीजेपी को समृद्ध करने के लिए हैं?"
हिमंत बिस्व ने किया पलटवार
इसपर जवाब देते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "अगर पत्नी की कंपनी को केंद्रीय सब्सिडी मिलने के आरोप साबित हुए तो सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूंगा." मुख्यमंत्री सरमा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनकी पत्नी जिस कंपनी से जुड़ी हुई हैं उसे भारत सरकार से कोई सब्सिडी नहीं मिली है.
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस ने कुछ कागजात जारी करते हुए ये दावा भी किया कि वर्ष 2021 में सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी पत्नी रिंकी भुइंया सरमा की कंपनी ने असम के नौगांव में 50 बीघा कृषि भूमि खरीदी और इस खरीद के कुछ दिनों के बाद ही इस भूखंड को औद्योगिकी भूमि में तब्दील कर दिया गया. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी दावा किया कि कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, यह मीडिया क्षेत्र में काम करती है, लेकिन इसे किसान संपदा योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा अनुदान दिया गया.
उन्होंने कहा, "प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खुद को पूर्वोत्तर की मीडिया कंपनी बताती है, लेकिन जब असम के मुख्यमंत्री अपने पद की शपथ लेते हैं, उसके कुछ ही महीने बाद यह कंपनी 50 बीघा कृषि भूमि खरीदती है. महज कुछ दिनों बाद यही कृषि भूमि, औद्योगिक भूमि में बदल जाती है." वल्लभ ने आरोप लगाया, "यह कंपनी भारत सरकार की 'प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना' के तहत आवेदन करती है कि वह खाद्य प्रसंस्करण का काम करेगी. इसके लिए उसे 10 करोड़ रुपये का अनुदान भी दे दिया गया."
केंद्र सरकार पर साधा निशाना
वल्लभ ने दावा किया कि असम के मुख्यमंत्री की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड में अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल करने के साथ ही कटाक्ष किया, "असम के मुख्यमंत्री की पत्नी की ओर से संचालित कंपनी को किसानों के हक का 10 करोड़ रुपया अनुदान दिया जाता है. क्या किसानों का पैसा दोगुना करने का यही मॉडल है."
वल्लभ ने कहा, "हमारे देश का किसान खेती से औसतन रोजाना 27 रुपये कमा रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसान संपदा योजना के तहत 10 करोड़ का अनुदान दे दिया जाता है. ऐसी सुविधा देश के बाकी लोगों को कब मिलेगी? क्या ये 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' का मॉडल है? क्या ऐसे मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार है."
सरमा ने आरोपों से इनकार किया
सरमा ने आरोपों से इनकार करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, "मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि न तो मेरी पत्नी और न ही जिस कंपनी से वह जुड़ी हैं, उसे भारत सरकार से कभी कोई वित्तीय सब्सिडी मिली है." उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, "मैं इस बात से पूरी तरह इनकार करता हूं और दोहराता हूं कि मेरी पत्नी जिस कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी हैं, उसे भारत सरकार से कोई सब्सिडी नहीं मिली है."
असम विधानसभा में भी गूंजा मुद्दा
इस मामले पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद विपक्षी दलों के विधायकों ने गुरुवार को असम विधानसभा से वॉकआउट किया. कांग्रेस ने इस मामले पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया था. विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने प्रश्नकाल खत्म होने पर नोटिस खारिज कर दिया और कहा कि यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार किया जाए.
"कांग्रेस सत्ता में आई तो होगी कार्रवाई"
प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना एक व्यापक पैकेज है जिसका उद्देश्य खेत से लेकर खुदरा बिक्री तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करना है. वहीं असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने कहा, "मैंने विभिन्न मंचों पर कई बार घोषणा की है कि अगर सत्ता में आए तो कांग्रेस राजनीतिक नेताओं की ओर से गलत तरीके से अर्जित की गई सभी संपत्ति की जांच के लिए एक एसआईटी (विशेष जांच न्यायाधिकरण) का गठन करेगी. तो, सभी लालची नेताओं, सावधान, हम आपके पीछे आने वाले हैं."
वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "किसानों की आय दोगुनी करने के बजाय, प्रधानमंत्री मोदी असम के मुख्यमंत्री को समृद्ध कर रहे हैं. क्या प्रधानमंत्री मोदी या खाद्य प्रसंस्करण मंत्री जवाब देंगे? इस अनुदान को किसने मंजूरी दी? अन्य किन बीजेपी नेताओं को सरकारी योजनाओं के जरिये इस तरह का लाभ दिया जा रहा है?"
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