Assam News: असम से AFSPA हटाने को लेकर CM हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा एलान, नवंबर तक हो जाएगा खत्म
Assam AFSPA: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (22 मई) को कहा कि राज्य से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां कानून को पूरी तरह से हटाने को लेकर लक्ष्य बनाया जा रहा है.
Himanta Biswa Sarma On AFSPA: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (22 मई) को सशस्त्र बल विशेष शक्तियां कानून-1958 (AFSPA) को लेकर बड़ा बयान दिया. सीएम सरमा ने कहा, ''हम 2023 के अंत तक असम से अफस्पा को पूरी तरह से वापस लेने का लक्ष्य बना रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि नवंबर तक अफस्पा को पूरे असम से हटाया जा सकता है.
वर्तमान में असम के आठ जिलों में अफस्पा लगा हुआ है. सरमा ने यह भी कहा कि राज्य के पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए पूर्व सैन्य कर्मियों की सेवा ली जाएगी. कमांडेंट कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि इस कदम से असम पुलिस बटालियनों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) को बदले जाने की सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार सीएपीएफ की आवश्यक मौजूदगी रहेगी.
We are aiming at withdrawing AFSPA completely from Assam by the end of 2023. We will also rope in ex-military personnel to train our police force.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 22, 2023
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अफस्पा के तहत सुरक्षाबलों को मिले हुए हैं विशेष अधिकार
अफस्पा के तहत सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार मिले होते हैं, जिनके दुरुपयोग की आशंका के मद्देनजर लंबे समय से एक धड़े की ओर से सवाल उठाए जाते रहे हैं. यह कानून सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. अगर सुरक्षाबलों की गोली से किसी की मौत भी हो जाती है तो यह कानून उन्हें गिरफ्तारी और मुकदमे का सामना करने से छूट देता है.
1990 में AFSPA के तहत असम को किया गया था अशांत क्षेत्र घोषित
बता दें कि नंवबर 1990 में अफस्पा के तहत असम को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था और तब से इसे हर छह महीने में बढ़ाया जाता रहा है. सीएम सरमा इस बात का हवाला देते हुए कि पिछले दो वर्षों में राज्य में कानून और व्यवस्था के स्थिति में सुधार हुआ है, अफस्पा को पूरी तरह से वापस लेने की वकालत कर रहे हैं.
इसी महीने की शुरुआत में सीएम सरमा ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद पूरी तरह से सुलझा लिया गया है जबकि मेघालय के साथ 12 विवादित क्षेत्रों में से छह पर समझौता हो गया है और बाकी इलाकों के लिए बातचीत अगले महीने शुरू होगी.
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