Assam CM Himanta Biswa Sarma on NRC: पूर्वोत्तर राज्य असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का मुद्दा फिर गरमा सकता है. राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एनआरसी की समीक्षा कर इसे फिर से नए सिरे से बनाए जाने की मांग की है. इसको लेकर सीएम हिमंत ने कहा कि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के साथ सरकार की चर्चा चल रही है और जल्द ही कुछ इसपर कुछ फैसला पर आ सकता है.


इससे पहले असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा था कि सरकार एनआरसी की उस सूची को स्वीकार नहीं करेगी, जो साल 2019 के अगस्त महीने में पब्लिश हुई थी. बोरा ने एनआरसी की फ्रेश लिस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात कही. 






AASU का क्या कहना है?


वहीं, इस मामले पर ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य का कहना है कि पिछली एनआरसी लिस्ट में कई अवैध बांग्लादेशी नागरिकों का नाम शामिल हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि एनआरसी की नई लिस्ट में अवैध बांग्लादेशियों का नाम हटाया जाए. भट्टाचार्य ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि सही एनआरसी के लिए सुप्रीम कोर्ट दरवाज़ा खटखटाएं.


बता दें कि असम के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ क्षेत्रों में भी एनआरसी लागू करने की मांग होती रही है. पिछले महीने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में केंद्र सरकार से झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ क्षेत्रों में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू करने की मांग की थी. दुबे ने कहा था कि झारखंड और बिहार के कुछ क्षेत्रों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से यहां की जनसांख्यिकी बदल रही है. मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि झारखंड, बिहार और बंगाल के एक क्षेत्र में एनआरसी लाया जाना चाहिए. इस तरह हम बांग्लादेशी घुसपैठियों से छुटकारा पा सकते हैं.


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