'मेरा और हिमंत का DNA एक, बीजेपी में जाते ही बदले...', असम CM के गाजा भेजने के बयान पर सुप्रिया सुले का रिएक्शन
Supriya Sule-Himanta Biswa Sarma: इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध की वजह से भारत की राजनीति भी गरमाने लगी है. इसका असर नेताओं के बयानों पर दिखने लगा है.
Gaza Strip Controversy: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार ने गाजा पट्टी में हमास के साथ चल रही जंग में इजरायल का साथ देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की. इस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कह दिया कि मुझे लगता है कि शरद पवार हमास के लिए लड़ने के लिए सुप्रिया सुले को गाजा भेजेंगे. वहीं, अब सरमा के इस बयान पर शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का भी बयान आया है.
दरअसल, इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में लगभग दो हफ्ते से जंग चल रही है. इस जंग की वजह से गाजा पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इजरायली वायुसेना लगातार गाजा पर बम गिरा रही है. गाजा पट्टी पर शासन चलाने वाले फलस्तीनी समर्थक चरमपंथी समूह हमास के हमले से इस युद्ध की शुरुआत हुई. इस युद्ध की आंच भारत में भी दिख रही है, जहां विपक्षी दलों और बीजेपी नेताओं के बीच इजरायल-फलस्तीन समर्थन को लेकर जुबनी जंग छिड़ी हुई है.
सुप्रिया सुले ने क्या कहा?
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार (19 अक्टूबर) को हिमंत बिस्वा सरमा के बयान पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मैं उनके बयान से हैरान हूं, क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है. वह मूल रूप से कांग्रेस से हैं. उनका और मेरा डीएनए एक ही है. बीजेपी में जाने के बाद वह बदल गए हैं. आप जानते हैं कि बीजेपी महिलाओं के प्रति कैसी अपमानजनक है.
सुप्रिया ने कहा कि मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीदें थीं. मैं इस बात से हैरान हूं कि किस तरह से महिलाओं को लेकर उनकी सोच बदली है. उन्होंने कहा कि बीजेपी आईटी सेल को शरद पवार ने जो कहा है, उसे ध्यान से समझने और सुनने की जरूरत है. बता दें कि हिमंत बिस्वा सरमा एक वक्त कांग्रेस के बड़े नेता थे. उन्होंने 2015 में पार्टी का दामन छोड़ दिया.
सरमा को इतिहास पढ़ने की जरूरत: संजय राउत
वहीं, महाराष्ट्र में महाविकास अघाडी और इंडिया गठबंधन का हिस्सा शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भी सरमा के बयान पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, 'असम के सीएम जिस पार्टी में हैं, वह हमास से कम नहीं है. उन्हें पहले इतिहास पढ़ना और समझना चाहिए. वह बीजेपी में हैं, तो उन्हें फलस्तीन-इजरायल के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की क्या भूमिका रही हैं, उन्हें जानना चाहिए.'
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